मोबाइल नंबर, वैकल्पिक नंबर,ईमेल आईडी, आवास के पता यहां तक कि आधार नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दे रही वेबसाइट
Report- डॉ.दिग्विजय सिंह राठौर भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता एक बार फिर गहरा गई है। कुछ दिन पहले प्रोक्सी अर्थ नाम की वेबसाइट ने भारतीयों का निजी डाटा सार्वजनिक किया था, जिसके बाद डाटा चोरी का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस वेबसाइट की एक्सेस रोकने के प्रयास शुरू किए। प्रोक्सी अर्थ ने अपना ऐप भी बनाया, लेकिन अब यह ऐप मोबाइल नंबर से जुड़ी जानकारी देने के बजाय सिर्फ गेम डाउनलोड कराने का काम कर रहा है। इसी बीच leakdata.org नाम की नई वेबसाइट ने देश में साइबर सुरक्षा को लेकर फिर से हड़कंप मचा दिया है। यह वेबसाइट ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर दोनों से जुड़ी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा रही है। इस पर उपयोगकर्ताओं का— मोबाइल नंबर, वैकल्पिक नंबर,ईमेल आईडी, आवास के पते के साथ सेटेलाइट से लोकेशन यहां तक कि आधार नंबर जैसा संवेदनशील डेटा आसानी से देखा जा सकता है। खास बात यह है कि यह वेबसाइट दिसंबर माह में ही बनाई गई है, और 8 दिसंबर को ही इसका टेलीग्राम ग्रुप भी बनाया गया है, जिसमें अभी करीब 300 सदस्य जुड़े हैं। इतना ही नहीं, leakdata.org ने अपना ऐप भी बना रखा है, जिसके माध्यम से भी यह जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। कोई भी व्यक्ति इसकी वेबसाइट के को ओपन करके 12 लोगों के मोबाइल नंबर और ईमेल से जुड़ी जानकारी को आसानी से देख सकता है। बहुत सारे नंबरों की जानकारी इस पर नहीं है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर कहा कि कि यदि इसी तरह आम नागरिकों का निजी डेटा सार्वजनिक होता रहा, तो यह साइबर अपराधियों के लिए बड़ा हथियार बन जाएगा। ऐसे अपराधी लोगों की मूल जानकारी का उपयोग कर वित्तीय धोखाधड़ी, फिशिंग और अन्य साइबर हमलों को अंजाम दे सकते हैं। फिलहाल भारत सरकार की कई एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं और इस डाटा लीक के स्रोत का पता लगाने तथा ऐसी वेबसाइटों की पहुंच रोकने के लिए प्रयास कर रही हैं। लेकिन एक वेबसाइट बंद होते ही दूसरी वेबसाइट का उभर आना साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए लगातार बढ़ती चुनौती बन चुका है। स्थिति गंभीर है और आने वाले दिनों में इस डेटा के दुरुपयोग का खतरा और बढ़ सकता है। भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर यह घटना फिर से चेतावनी की घंटी साबित हुई है। LeakData.org ने एक महत्वपूर्ण फीचर जारी किया है, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी को वेबसाइट से तुरंत छुपा सकता है। क्या है फीचर — Hide My Data? LeakData.org की ओर से जारी किए गए इस फीचर में कहा गया है कि वे उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हैं। प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद लीक डेटा पूरी तरह सार्वजनिक स्रोतों से लिया जाता है, लेकिन यदि कोई यूज़र नहीं चाहता कि उसका नंबर या ईमेल किसी को भी खोज में दिखाई दे, तो वह इसे तुरंत छुपा सकता है। कैसे काम करता है डेटा हटाने का विकल्प? वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार: Instant Action (तुरंत कार्रवाई): जैसे ही कोई व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर या ईमेल वेबसाइट के Hide My Data फॉर्म में दर्ज करता है, उसे तुरंत “Do Not Display” रजिस्ट्री में जोड़ दिया जाता है। No Questions Asked (कोई पहचान प्रमाण नहीं मांगा जाएगा): वेबसाइट यह दावा करती है कि यूज़र को अपनी पहचान साबित करने की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई कहता है कि यह उसका नंबर है और उसे छिपाना है, तो वेबसाइट उसे छिपा देती है। Permanent & Secure (स्थायी और सुरक्षित): उनका कहना है कि यूज़र की रिक्वेस्ट एन्क्रिप्टेड डेटाबेस में सुरक्षित रखी जाती है। इसके बाद भविष्य में कोई भी व्यक्ति उस नंबर या ईमेल को सर्च करता है तो परिणाम में "No Result" दिखाई देता है। रिक्वेस्ट सबमिट होने के बाद क्या होता है? यूज़र द्वारा नंबर या ईमेल सबमिट करते ही वेबसाइट पर एक संदेश दिखता है: “Request Submitted! Your mobile number has been added to our Do Not Display registry. It will be hidden from search results immediately.” यानी आपका नंबर तुरंत ही सर्च रिज़ल्ट से छिपा दिया जाता है।ऐसा वेबसाइट में कहा गया है।
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