पर्याप्त सबूत के अभाव में छह आरोपियों को दोषमुक्त किया गया
आजमगढ़: हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा पैंसठ हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जब कि पर्याप्त सबूत के अभाव में छह आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। अदालत ने जुर्माने की आधी धनराशि मृतक के वारिसों को देने का निर्देश भी दिया है।यह फैसला विशेष सत्र न्यायाधीश विजय कुमार वर्मा ने शनिवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा जय प्रकाश सिंह निवासी मसीरपुर थाना देवगांव के घर का 7 अप्रैल 2019 को दिन में दस बजे बारजे का निर्माण कार्य चल रहा था। तभी पड़ोस के राणा प्रताप सिंह ने निर्माण कार्य रोक दिया। निर्माण कार्य रोकने पर जय प्रकाश सिंह तथा उनके छोटे भाई अनिल सिंह ने ऐतराज जताया। इसी विवाद में राणा प्रताप और उनके भाई विजय प्रताप, बेटे नितेश, चचेरे भाई योगेश, ज्ञानेश ,ओमप्रकाश तथा एक साथी अखिलेश सिंह उर्फ पप्पू ईंट पत्थर चलाने लगे व असलहों से फायर किया। राणा प्रताप ने लक्ष्य करके अनिल सिंह को गोली मार दी। जिससे अनिल सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस हमले में वादी के घर के कई अन्य लोग भी बुरी तरह घायल हो गए।पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद न्यायालय में चार्जशीट भेज दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता निर्मल कुमार शर्मा तथा ओमप्रकाश सिंह ने कुल आठ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी राणा प्रताप सिंह को आजीवन कारावास तथा पैंसठ हजार रूपये अर्थ दंड की सजा सुनाई। जबकि पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में आरोपी विजय प्रताप ,ज्ञानेश, योगेश, नितेश, ओम प्रकाश तथा अखिलेश सिंह उर्फ पप्पू को दोषमुक्त कर दिया।
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