राकेट, सेटेलाइट, लैण्ड रोवर आदि के माडलों द्वारा बच्चों ने स्पेस टेक्नोलॉजी को जाना
आजमगढ़: जहानागंज क्षेत्र के एसकेडी विद्या मन्दिर में शुक्रवार को विद्यार्थियों को भारतीय राष्ट्रीय आंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र के बारे में विधिवत जानकारी देते हुए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें राकेट, सेटेलाइट, लैण्ड रोवर आदि के अनके माडलों द्वारा छात्रों को स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में काफी कुछ जानने को मिला। इसरो स्पेस फाउंडेषन के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सुभाष सिंह ने भारत के आंतरिक्ष अनुसंधान के प्रारंभिक दौर से लेकर वर्तमान में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों तथा भविष्य की परियोजनाओं के बारे में भी बताया। उन्होने कहा कि आजादी के बाद से ही भारत में होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों से सेटेलाइट लांच व्हीकल(एसएलवी) के लिए बुनियादी ढांचा का निर्माण किया गया। एएसएसवी, पीएसएलवी, आरएसएलवी जैसे माडलों से होते हुए सेटेलाइट लांच की तकनीक आज क्युएसएलवी पर चल रही है। श्री सिंह द्वारा राकेट और सेटेलाइट के विभिन्न माडलों द्वारा आतंरिक्ष विज्ञान की जटिलताओं को काफी सरल और रोचक ढंग से समझाया गया। इसके साथ ही इसरों में करियर बनाने के अवसरों के बारे में विधिवत जानकारी दी गयी। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकान्त सिंह, देवांगन, कृश्णमुरारी, राजेष, आनन्द, भारतेन्दु आदि लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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