नन्हें बच्चों से लेकर 12वीं तक के छात्रों ने मातृभाषा के प्रति अपना अगाध प्रेम दर्शाया
आजमगढ़: जिले के जहानागंज क्षेत्र के धन्हुआस्थित एसकेडी विद्या मन्दिर में आगामी हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को मातृभाषा हिन्दी को समर्पित विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इसके मध्यम से नन्हें मुन्हे बच्चों से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्रों ने मातृभाषा के प्रति अपना अगाध प्रेम दर्शाया। एसकेडी विद्या मन्दिर में जहां जूनियर वर्ग के छात्रों ने गायन और नृत्य के माध्यम से हिन्दी की विशेषताओं पर प्रकाश डाला वहीं नन्हें मुन्हों ने स्वर - व्यंजन के रूप में अपने को प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रभाषा के प्रति प्रेम दिखाया। कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने निबन्ध लेखन, कविता पाठ तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में आयुशी, भार्गवी, युग, विशाल, सृजा, शान्वी, जान्हवी, प्रकृति, अंशिका तथा मालती की प्रस्तुति को काफी सराहा गया। एसकेडी इण्टर काॅलेज में हिन्दी के जाने माने कवि, लेखकों कथा लेखकों के भेष भूषा में सजे बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों दिया जिसे लोगों ने काफी सराहा। इसमें महादेवी वर्मा, प्रेमचन्द्र, रामधारी सिंह दिनकर मीराबाई के रूप में सजे बच्चों के वक्तव्य से लोग काफी प्रभावित हुए। बेबी गोड, ़ रोली, अंशिका, गरिमा, आयुश, अकिंता, संजना, अंजलि, अनुकल्प, सौरभ, राजवीर, धर्मवीर , अवनी, साक्षी की प्रस्तुति काफी अच्छी रही। अपने उद्बोधन में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा हिन्दी को मातृभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। तबसे हम हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं। हिन्दी एक भाषा ही नहीं हिन्दुस्तान के नागरिकों को आपस में जोड़ने की कड़ी भी है। इस अवसर पर एसकेडी विद्या मन्दिर की प्रधानाचार्या प्रीती यादव तथा एसकेडी इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य केके सरन ने भी अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकान्त सिंह, संतोष सिंह, ममता, रूबी, रसना, आदि लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
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