सामान्य सा धागा राखी का रूप ले लेता है तो वह अमूल्य हो जाता है - विजय बहादुर सिंह
आजमगढ़: जिले के जहानागंज क्षेत्र के धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज में रक्षाबन्धन त्योहार के मद्देनजर राखी मेकिंग कंपटीशन, थाली डेकोरेशन एवं पोस्टर मेकिंग प्रोग्राम संपन्न हुआ जिसमें भाग लेते हुए छात्र/छात्राओं ने अपनी उत्कृष्ट कला को दर्शाया। इस अवसर पर सावन थीम पर विविध रंगारंग कार्यक्रम भी संपन्न हुए जिसमें गायन और नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापक एवं प्रधानाचार्य द्वारा रक्षा बन्धन त्योहार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक चीजों और रंगों के माध्यम से बच्चे राखी बनाने में जिस प्रकार से अपना हुनर दिखा रहे थे वह देखते ही बन रहा था। तीन रंग के धागों से बनी तिरंगा राखी जहां देश प्रेम की भावना जगा रही थी वहीं वास्तविक फूलों और पत्तियों से बनी राखी प्रकृति के करीब ला रही थी। आपरेशन सिंदूर की थीम पर बनी राखी भारतीय सेना के शौर्य को दर्शा रही थी। पेंटिंग एवं पोस्टर मेकिंग में भी छात्र/छात्राओं ने अपनी अनुपम प्रतिभा को दर्शाया। कार्यक्रम में यशी, संस्कृति, परिधि, अंकिता, अंशिका, अनन्या, अन्वेषा, दिव्यांशी, आदि का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा। एसकेडी इण्टर कालेज मंे महिमा, विशेषता, साक्षी, अराध्या, कशिश आदि द्वारा बनायी गयी राखियां काफी भाई। इस अवसर पर छात्राओं ने छात्रों को राखी बांधते हुए मिष्ठान खिलाया। अपने उद्बोधन में विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि रक्षाबन्धन भाई बहन के स्नेह का त्योहार है। एक सामान्य सा धागा जब राखी का रूप ले लेता है तो वह अमूल्य हो जाता है। राखी के इसी धागे के महत्व को समझते हुए जाति धर्म से ऊपर उठकर चित्तौड़ की महारानी कर्णावती की आजीवन रक्षा किया। एसकेडी विद्या मन्दिर की प्राधानाचार्या प्रीती यादव एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज के प्रधानाचार्य केके सरन ने भी अपने विचारों को रखा। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकान्त सिंह, दिनेश,, सूर्य प्रताप, नेहा, ममता, प्रियंका, अपराजिता, रसना, रूबी, सुषमा, सिमरन आदि का योगदान काफी सराहनीय रहा।
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