इंदिरा गांधी की तानाशाही को देश पर इमरजेंसी के रूप में थोपा गया था- प्रदेश मंत्री, भाजपा
आजमगढ़ : भारतीय जनता पार्टी द्वारा नेहरू हाल में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय के 50 वां वर्ष पूर्ण होने पर संगोष्ठी , प्रदर्शनी व जिला कार्यालय पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के अन्तर्गत जिला कार्यालय रोड पर पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश मंत्री मीना चौबे व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष साकेत सिंह सोनू मौजूद रहे। अध्यक्षता लोकतंत्र सेनानी सिंहासन यादव ने किया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश मंत्री मीना चौबे ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लगाया आपातकाल का मुख्य कारण इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले था । उस फैसले में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चुनाव प्रचार अभियान में कदाचार का दोषी करार दिया गया था।1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी के प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने इंदिरा की जीत पर सवाल उठाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। राजनारायण ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है। मामले की सुनवाई हुई और इंदिरा गांधी के चुनाव को कोर्ट ने निरस्त कर दिया। 25 जून 1975 को घोषणा के बाद 21 मार्च 1977 तक यानी की करीब 21 महीने तक भारत में आपातकाल लागू रहा।आपातकाल के दौरान देशभर में चुनाव स्थगित हो गए थे।आपातकाल की घोषणा के साथ हर नागरिक के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए। लोगों के पास न तो अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार था, न ही जीवन का अधिकार। विपक्ष के सभी नेताओं को जेल में डाल दिया गया । अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जयप्रकाश नारायण जैसे बड़े नेताओं को जेल भेज दिया गया।इतनी बड़ी संख्या में लोगों को जेल में डाला गया था कि जेलों में जगह ही नहीं बची।प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। हर अखबार में सेंसर अधिकारी रख दिये गये थे। उस सेंसर अधिकारी की अनुमति के बिना कोई खबर छप ही नहीं सकती थी। अगर किसी ने सरकार के खिलाफ खबर छापी तो उसे गिरफ्तारी झेलनी पड़ी।आपातकाल के दौरान प्रशासन और पुलिस ने लोगों को प्रताड़ित किया गया। आज जो लोग संविधान की कापी लेकर घूमते हैं उनसे पूछा जाना चाहिए कि खुद की कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल क्यों लगाया गया। संजय गांधी जो उस समय किसी संवैधानिक पद पर नहीं थे वह किस अधिकार से देश के फैसले ले रहे थे लाखों लोगों की जबरन नसबंदी क्यों कराइ गई। यह इंदिरा की तानाशाही थी जिसे देश पर इमरजेंसी के रूप में थोपा गया था। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष आजमगढ़ सदर ध्रुव सिंह श्रीकृष्ण पाल, घनश्याम पटेल हरिवंश मिश्रा, ऋषिकेश दूबे, सुजीत सिंह , आनन्द सिंह, विभा बर्नवाल पूनम सिंह, बबिता जसरासरिया, निखिल राय, विवेक निषाद, लोकतंत्र सेनानी चन्द्र विनोद सिंह, भृगुनाथ, नागेन्द्र राय, रामनयन सिंह रामपुर साधु हरिश्चंद्र राम रविंद्र नाथ राम ओम प्रकाश बंशीधर पांडे जयसवाल सुभाष चंद्र गुप्ता बाल मुकुंद पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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