भाई से विवाद का लिया बदला, पहले मनाई पार्टी फिर घटना को दिया अंजाम
कप्तानगंज पुलिस, स्वाट व सर्विलांस टीम ने 24 घण्टे के भीतर किया राजफाश
आजमगढ़ : थाना कप्तानगंज पुलिस, स्वाट व सर्विलांस टीम ने 24 घण्टे के भीतर युवक की हत्या की घटना का खुलासा करते हुए 02 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से 01 आला कत्ल चाकू, 03 खाली कैन बीयर की तथा एक स्लीपर चप्पल रेक्सीन व एक पैंट तथा एक शर्ट बरामद किया गया। थाना क्षेत्र में एक दिन पूर्व हत्या का मामला सामने आया था। मामले में मृतक के पिता सोहराज अहमद पुत्र नियाज अहमद निवासी ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज ने तहरीर दिया था कि उसके बेटे फहद की किसी अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धारदार हथियार से गले पेट व सिर पर वार कर गमछे से दोनो हाथ बाँध कर हत्या की गई है। थानाध्यक्ष कप्तानगंज विवेक कुमार पाण्डेय को सूचना मिली कि प्रकाश में आए अभियुक्त मो० हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो सलमान व आतिफ खान पुत्र मेराज निवासीगण ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज अपने घर छोडकर सुबह चले गए हैं। यह भी जानकारी हुई है कि आतिफ छाता का पुरा हाइवे पुल के नीचे खड़ा है कहीं भागने की फिराक मे है। छाता का पुरा हाइवे पुल के पास पहुंच कर आतिफ खान पुत्र मेराज को गिरफ्तार किया गया तथा उसकी निशानदेही पर जेहरा पिपरी से दूसरे अभियुक्त हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो0 सलमान निवासी ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज को पकड़ लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त मो0 हामिद उर्फ सद्दाम ने पूछताछ में बताया कि, मृतक फहद के दोस्त संगम से मेरे छोटे भाई सहवान से एक महीने पहले कहा सुनी हुई थी और कई बार उसने मेरी बहन को आते जाते कमेन्ट किया था। उसी बात को लेकर मैने फहद को डांटा था तथा चेतावनी दी थी कि मेरे भाई को कुछ कहोगे तो तुम्हारे लिये अच्छा नही होगा। उसके बाद मै अपने मौसा नन्हे के घर चला गया। वहाँ पर मै रोटी पकाने का काम करता था तथा जब भी मै घर आता था तो फहद मुझे जान से मारने की धमकी देता था। क्योकि वह बडे घर का था। मै डर गया कि कहीं वह मेरा नुकसान न कर दे। इसी के चलते मैने सोचा कि मुझे जल्द ही फहद को रास्ते से हटाना पड़ेगा मेरे दिमाग मे यह बात चलती रही । दिनांक एक मई को जब मै सरायमीर से अपने घर आया कि फहद मुझे नशे की हालत मे मिला। मुझसे कहा कि तुम कमा कर आये हो मुझे पार्टी दो उक्त बात की सूचना मैने अपने दोस्त आतिफ खान पुत्र मेराज को दिया। मै तथा आतिफ एवं फहद शाम को फहद की प्लैटिना मोटर साइकिल से पार्टी करने हेतु तीनो लोग एक साथ बैठकर कोईनहा बाजार गये वहाँ से हम लोगो ने तीन बीयर की कैन खरीदी और बीयर को हम लोग गाँव के पूरब स्थित लक्ष्मी यादव के बंद पड़े ईट भट्ठे के बगल लगे हुए बबूल के पेड़ के नीचे खरीदी हुई बीयर की कैन को रख कर मै वहीं पर खडा रहा। आतिफ व फहद चखना लेने के लिये फहद की बाइक से रोड पर गये। इसी बीच मै अपने घर से नई खरीदी हुई चाकू जो फहद को सबक सिखाने हेतु रखा था लेकर आ गया था। यह उन दोनो को जानकारी नही थी। फहद द्वारा अपनी बाइक अपने घर पर खड़ी करके पैदल ही फहद व आतिफ ईंट भट्ठे पर अपने साथ चखना के लिये हरी मटर नमकीन, सिगरेट तथा चाऊमीन लेकर आये हम लोग ईंट भट्ठे पर इकट्ठे हुए जिसमे फहद द्वारा बीयर की डेढ़ कैन पिया गया तथा आतिफ द्वारा एक कैन पिया गया एवं मेरे द्वारा आधी कैन पी गयी। जब मैने देखा कि फहद जो पहले से नशे मे था तथा अब हम लोगो के साथ मे भी डेढ़ कैन बीयर पी गया था पूरी तरीके से नशे की हालत मे हो चुका था वह ठीक से चल भी नही पा रहा था कि मैने फहद का हाँथ अपने कंधे पर रखकर चलने लगा कि कुछ दूर चलने के बाद जब मै भट्ठे के बगल खेत से करीब 100 मीटर चकरोड पर पहुँचा चाकू को उसके गले पर लगा कर तेजी से रेत दिया, कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो गयी। इत्मिनान होने पर आतिफ द्वारा उसका हाथ पकडा गया तथा मेरे द्वारा उसका पैर पकड़ कर कुछ दूर टांग कर तथा कुछ दूर घसीटकर लक्ष्मी यादव के बंद पड़े ईंट भट्ठे के चिमनी के नीचे उसकी लाश को छिपा दिया गया। फहद को मारते समय मेरे दोस्त आतिफ का फोन वहीं पर गिर गया था। फोन की घन्टी पर हम लोग भट्ठे के किनारे से अपने दोस्त की मोबाइल उठाकर तथा भट्ठे पर पी गयी खाली बीयर कैन व अंधेरे मे मिली फहद की एक हादिने पैर की चप्पल को मजार के पास फेक दिये। उसके बाद हम दोनो रामआसरे नाई के घर के सामने लगे सरकारी हैण्डपम्प पर खून लगे हाथ पैर को धुले तथा घटना मे प्रयुक्त चाकू को रामाआसरे की मण्डई के बगल मे नरकट के झुण्ड मे फेक दिये। उसके बाद हम लोग अपने घर चले गये उसके बाद मैने अपने कपड़े को जिसमे खून लगा था उसे धुल दिया और दूसरा कपड़ा पहनकर हम दोनो लोग सुबाष पुत्र गिरजा के घर बहुभोज मे जाकर खाना खाये और घर आकर सो गये।
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