महुआ मुरारपुर के ग्रामीणों ने लगाया भारी अनिमितता का आरोप ,कलेक्ट्रेट पर सौंपा ज्ञापन
आजमगढ़: चकबंदी प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाते हुए महुआ मुरारपुर के ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट और तहसील सदर में जमकर प्रदर्शन किया। चकबंदी अधिकारियों पर चकों का प्रस्ताव बनाते समय चकदारों का सुझाव न लेने का भी आरोप गया। इसके बाद जिले के उच्चाधिकारियों सहित मुख्यमंत्री को पत्रक भेजकर चकबंदी प्रक्रिया की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग किया। बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पहुंचे महुआ मुरारपुर के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चकबंदी प्रक्रिया 1961 से चल रही है। चकबंदी के दौरान चकबंदी अधिकारियों द्वारा की जा रही अनियमितताओं को लेकर बार-बार जिले के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया। लेकिन किसी अधिकारी ने शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा रहा कि चकबंदी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर चकबंदी में अनियमितता की गई। किसानों के मकानों पर भी चक आवंटित कर दिया गया। चक लगाते समय कृषकों की सुविधा का न तो ध्यान रखा गया और न ही चकरोड, चकनाली, खलिहान, पशुचर, खाद गड्ढा की व्यवस्था की गई। बचत की भूमि को धनउगाही कर कुछ लोगों को चक के रूप में आवंटित कर दिया। इस तरह की कार्यवाही से सैकड़ो परिवार के लोग परेशान है।
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