विशेष न्यायधीश पॉक्सो कोर्ट ने नामजदगी को ठहराया गलत,दूसरे नामजद पर चलेगा मुकदमा
आजमगढ़: दीदारगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी के अपहरण के मामले में आरोपित माहुल के नगर पंचायत अध्यक्ष लियाकत अली को पाक्सो न्यायालय ने उनकी नामजदगी को गलत बताते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट के फैसले उनके समर्थकों में खुशी की लहर व्याप्त हो गई है। बताते चलें कि 22 जुलाई को दीदारगंज थाना क्षेत्र की एक महिला ने अहरौला थाने पर पहुंच कर लिखित शिकायती पत्र दे कर यह कहा कि 17 जुलाई को उसकी 14 वर्षीय पुत्री को फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के लाहिडीह गांव निवासी अब्दुर्रहमान उर्फ चुन्नू भगा ले गया और उसे माहुल के चेयरमैन लियाकत अली के घर में जबरन कैद करके रखा गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के एक दिन बाद अब्दुर्रहमान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और चेयरमैन की तलाश में लग गई। उधर किशोरी की मां अपने पुलिस को दिए गए बयान से पलटते हुए यह कहा कि उसने कोई मुकदमा नहीं दर्ज कराया है अहरौला पुलिस ने पहले से लिखी हुई तहरीर पर जबरन अंगूठा लगवा लिया और झूठा मुकदमा दर्ज कर लिया। इस बाबत वादिनी ने उच्चाधिकारियों से लेकर न्यायालय तक शिकायती पत्र भी प्रेषित किया। मुकदमे में नामजद होने के बाद चेयरमैन लियाकत अली फरार हो गए और उनकी तलाश कर रही पुलिस को भनक तक नहीं लगी और उन्होंने मुकदमा दर्ज होने के बाद एक सप्ताह के अंदर उच्च न्यायालय प्रयागराज से दौरान विवेचना गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश ले लिया। मुकदमा दर्ज होने के एक माह बाद क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर ने विवेचना पूर्ण कर दोनो अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र आजमगढ़ के विशेष न्यायधीश पाक्सो कोर्ट में दाखिल कर दिया। जैसे ही इस बात की सूचना लियाकत अली को मिली वे कोर्ट में हाजिर हो कर अपनी नामजदगी को फर्जी बताते हुए लिखित प्रार्थना पत्र दिया। जिला विशेष न्यायधीश पॉक्सो कोर्ट आजमगढ़ ने किशोरी के 164 के बयान, वादिनी के कथन आदि का परीक्षण किया और फैसला सुनाया कि पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र में अभियुक्त बनाए गए चेयरमैन लियाकत अली को आरोपों से दोषमुक्त किया जाता है और दूसरे अभियुक्त अब्दुर्रहमान को धारा 363, 366, 368, 376 भादवि धारा 3(2) वी एससी एसटी एक्ट 5/एम 7 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमे को संज्ञान में लिया जाता है।
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