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आजमगढ़: दी प्रेस क्लब ने मेदांता हॉस्पिटल के सहयोग से लगाया नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर




मेदांता हॉस्पिटल,लखनऊ के डॉक्टरों ने शिविर में 300 से ज्यादा मरीजो को दिया परमर्श

आजमगढ़: 6 अगस्त 2023 : दी प्रेस क्लब आजमगढ़ ने मेदांता हॉस्पिटल,लखनऊ के सहयोग से निःशुल्क स्वस्थ शिविर का आयोजन किया जिसमे 300 से ज्यादा पत्रकारों व उनके परिजनों को विशेषज्ञ चिकित्सकों ने परामर्श दिया व जाँच की गई। शिविर सुबह 10 बजे से 5 बजे तक होटल गोल्डन फॉर्च्यून के प्रांगण में लगाया गया। इस शिविर में मेदान्ता अस्पताल से आये
डॉ. हिमांशु गुप्ता (हृदय रोग विशेषज्ञ), डॉ. धर्मेंद्र सिंह (अस्थि रोग विशेषज्ञ), डॉ. दीपांकर भट्टाचार्य (कैंसर रोग विशेषज्ञ ) व डा. पारिजात मिश्रा (सामान्य रोग विशेषज्ञ) ने नि:शुल्क परामर्श दिया। साथ ही पैथ काइंड लैब द्वारा ई.सी.जी. (हृदय की जांच), बी.पी. ,शुगर,कोलेस्ट्रॉल,कैल्शियम,हीमोग्लोबिन, पी.एफ.टी. (फेफड़ों की जांच), बी.एम् .डी.(हड्डी की जांच), बी. एम आई. आदि नि:शुल्क जांचे भी की गईं।
ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ.हिमांशु गुप्ता ने बताया यदि परिवार माता-पिता, भाई, चाचा या दादा-दादी, को अगर 60 वर्ष की आयु से पहले दिल की बीमारी हुई है, तो आपको भी इस बीमारी से जल्दी पीडि़त होने की आशंका लगभग 10 गुना अधिक होती है। पुरुष के लिए 45 वर्ष से ज्यादा, और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है। व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का कारण बनता है।
डॉ. धर्मेंद्र सिंह (अस्थि रोग विशेषज्ञ) ने बताया कि किसी व्यक्ति का ज्यादा वजन होना गठिया रोग की शुरुआत होने के जोखिम के प्रमुख कारकों में से एक है । हमारे जोड़ों में एक निश्चित सीमा तक वजन उठाने की क्षमता है । शरीर का हर एक किलो अतिरिक्त वजन घुटनों पर चार गुना दबाव डालता है । अध्ययन में यह दिखा गया है कि शरीर का 10 फीसदी अतिरिक्त वजन कम करने से गठिया रोग के दर्द में 50 फीसदी की कमी लाई जा सकती है ।अधिकतर भारतीय मरीज डॉक्टर के पास इलाज के लिए तब पहुंचते हैं ,जब दर्द हद से बढ़ जाता है और इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पडऩे लगता है । इस तरह के पुराने मामलों में पारंपरिक चिकित्सा उपाय, जैसे दवाइयां या जीवनशैली में बदलाव लंबे समय तक मरीज को उसके दर्द से राहत नहीं दिला पाते । ऐसी हालत में जोड़ों को बदलना (जॉइंट रिप्लेसमेंट) ही एकमात्र उपाय होता है ।
डॉ. दीपांकर भट्टाचार्य (कैंसर रोग विशेषज्ञ ) ने बताया कैंसर को लोगों ने अपने जीवन में बड़ा हौवा बना लिया है। जबकि सच तो यह है कि इससे अब डरने की ज्यादा जरूरत नहीं है। केवल सही जानकारी के साथ जागरूक रहते हुए इस बीमारी के कारणों से बचाव कर इसे रोका जा सकता है कैंसर के 40 से 50 फीसदी मामलों को जीवनशैली में बदलाव कर इसके प्रभाव को रोका जा सकता है। 10 से 20 प्रतिशत कैंसर की रोकथाम स्वयं का निरीक्षण या अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देकर किया जा सकता है। अगर कैंसर का पता शुरुआती दौर में लग जाए तो इससे मुक्ति पाना संभव है।
दी प्रेस क्लब के अध्यक्ष एसके सत्येन ने कहा कि आजमगढ़ मंडल का मुख्यालय होने की वजह से आजमगढ़ व आसपास के ज़िलों के मरीज़ बड़ी संख्या में आते हैं, लेकिन कुछ विशेष सुविधायें जब नहीं मिल पाती हैं, तो उन्हें लखनऊ/दिल्ली लेकर जाना पड़ता है। मेदांता जैसे प्रतिष्ठित हॉस्पिटल द्वारा ऐसे मरीजों को घर बैठे निशुल्क परामर्श व जांच करना सराहनीय है, साथ ही भविष्य में भी ऐसे और कैम्प लगाने का आग्रह किया गया है। इस अवसर पर आजमगढ़ के सांसद श्री दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भी इस आयोजन में पंहुच कर मेहमान चिकित्सकों का स्वागत किया और सभी लोगों को ढेर सारी शुभकामनाएं दी।

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