रौनापार क्षेत्र के कादीपुर गांव में 1997 की घटना, एक आरोपित किशोर को न्याय बोर्ड भेजा गया
आजमगढ़: अनुसूचित जाति की महिला की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट के जज सतीश चंद्र द्विवेदी ने सोमवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार रौनापार थाना क्षेत्र के कादीपुर गांव में 22 दिसंबर 1997 की रात की ग्यारह बजे चनावती देवी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में मृतका के पति जगरनाथ ने तसव्वर पुत्र कुद्दुस निवासी करमैनी थाना बिलरियागंज तथा एक अन्य नाबालिग के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद दोनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। नाबालिग आरोपी की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से ए डी जी सी आलोक त्रिपाठी तथा अभियोजन अधिकारी मानिक चंद यादव ने कुल दस गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी तसव्वर को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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