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आजमगढ़: पत्र लिखने व भेजने की विरासत को पुनः जागृत कराएगा डाक विभाग



डाक विभाग ने शुरू की है पत्र लेखन प्रतियोगिता,जाने कैसे करें प्रतिभाग...

संचार क्रांति के युग में भी पत्र लेखन का महत्व रहेगा - प्रवर अधीक्षक डाकघर


आजमगढ़: आज हम पत्रों से संवाद करना लगभग भूल चुके हैं। आज की युवा पीढ़ी डाकघर से मिलने वाली अंतर्देशीय पत्र, पोस्टकार्ड आदि के बारे में जानती ही नहीं होगी। आज हम सब व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम का जमकर प्रयोग करते है परंतु जो भावनाएं पत्र लेखन और पत्र भेजने में मौजूद थी वह लगभग नदारद हो गई है। सच तो यह है कि आज हमने पत्र लिखने की कला को खो दिया है। हम भावों को व्यक्त करते हैं लेकिन इमोजी का प्रयोग करके। संचार क्रांति के युग में भले ही हम पत्र लेखन की कला को भुला दें लेकिन पत्र लेखन का महत्व कभी भी कम नहीं होगा। डाक विभाग इसी क्रम में सभी को आमंत्रित करता है कि अपने दादा दादी को पत्र लिखकर पत्र लेखन कि हमारी विरासत को पुनः जागृत करें क्योंकि पत्र लेखन में हमारे भाव जुड़े रहते हैं । पत्र लिखकर हम अपने अंदर आत्मविश्वास को जगा सकते हैं अपने आत्म बल को बढ़ा सकते हैं। भाषा शैली को बेहतरीन बना सकते हैं। अतः आइए हम भारतीय डाक से जुड़ कर पत्र लेखन प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने पत्रों की दुनिया में वापस लौटे । इसी महत्वपूर्ण सोच के साथ डाक विभाग ने लोगों को पत्र लेखन की एक योजना में आमंत्रित किया। प्रवर अधीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि इस पत्र लेखन प्रतियोगिता में 08 वर्ष से ऊपर आयु के सभी लोग भाग ले सकते हैं जिन्हे चार वर्गों में बांटा गया है। हर वर्ग में प्रथम, द्वितीय,तृतीय और सांत्वना पुरस्कार विभाग प्रदान करेगा। लिखे गए पत्रों को स्पीड पोस्ट से कार्यालय, प्रवर अधीक्षक डाकघर आजमगढ़ मंडल,आजमगढ़ - 276001 के पते पर 31 मार्च तक भेज देना है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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