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आजमगढ़:इथोपिया में बंधक बने जिले के लोगों की वतन वापसी


जानवरों की तरह दिया जाता था खाना, मिलती थी यातना, अयोध्या दर्शन कर आए घर

आजमगढ़: अफ्रीकी महाद्वीप के देश इथियोपिया में नौकरी करने गए आजमगढ़ के तीन लोग गुरूवार शाम को अपने वतन वापस आ गए हैं। बंधक बने तीन लोगों में आजमगढ़ में वेलकुंडा के संजय कुमार मिश्र, चंदाभारी के राज बहादुर चौबे, जूड़ा रामपुर के संदीप सिंह हैंपप। ये लोग 9 मार्च 2022 को गाजियाबाद की प्रीत मशीनरी रोलिंग मशीन की ओर से इथियोपिया भेजे गए थे। थदास स्टील ने इनका वीजा बनवाया था। एग्रीमेंट के तहत इन लोगों को तीन महीने बाद तीन जून को वापस आना था पर कंपनी ने इन लोगों के वीजा और पासपोर्ट को जब्त कर लिया था। इस कारण इन लोगों की नौ महीने बाद वतन वापसी हुई है। संजय मिश्रा इस कंपनी में बतौर रोलिंग फोरमैन और बाकी दो लोग फिटर पद पर तैनात हुए थे। पूरे देश से पांच लोग गए थे जिनमें तीन आजमगढ़ के रहने वाले जबकि एक बलिया और एक छत्तीसगढ़ का रहने वाला है।
बातचीत करते हुए रोलिंग फोरमैन संजय मिश्रा का कहना है कि हम लोग रोलिंग मिल की कमीशनिंग करने गए थे। पर वहां के मालिक ने हम लोगों से मिल की कमीशनिंग के बजाय प्रोडक्शन शुरू करा दिया। इस बारे में जब हम लोगों ने मना किया तो कैद कर लिया गया। इस बात की जानकारी परिजनों और शुभचिंतकों को दी तो दूतावास से संपर्क किया गया। संजय मिश्रा का कहना है कि वहां पर हम लोगों को जानवरों की तरह खाना दिया जाता था और कैद करके रखा गया था। 12 से 14 घंटे काम कराया जाता था। जिस तरह की यातना दी गई कह नहीं सकता। हम लोगों को दवा, टूथपेस्ट और ब्रश के लिए परेशान होना पड़ा। इस बारे में वहां के दूतावास से संपर्क किया पर वहां पर राजदूत के सहायक की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला। एग्रीमेंट के तहत हम लोगों को तीन जून तक आ जाना चाहिए पर आज आठ दिसंबर को अपने वतन की वापसी हुई है।
संजय मिश्रा का कहना है कि इथियोपिया में ही हम लोगों ने मन्नत मांगी थी कि जब वतन वापसी होगी तो पहले अयोध्या पहुंचकर भगवान श्रीराम और हनुमानजी का दर्शन कर ही घर जाएंगे। आज हम लोग सुबह ही अयोध्या पहुंच गए वहां हनुमानजी के और श्रीरामजी के दर्शन कर शाम छह बजे आजमगढ़ के भंवरनाथ में भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर सभी लोग अपने-अपने घरों को रवाना हुए। संजय मिश्रा का कहना है कि निश्चित रूप से आज हमारे घर भी खुशी का माहौल है।
जिले के निजामाबाद तहसील के चंदाभारी के रहने वाले राजबहादुर चौबे का कहना है कि हम लोगों को एग्रीमेंट के तहत तीन जून को वापस भारत आ जाना था पर कंपनी ने जबरदस्ती हमें रोक रखा था। हमारा जो उत्पीड़न वहां किया गया उसे हम कह नहीं सकते। खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज रोटी दी जाती थी। आज नौ माह बाद अपने वतन वापसी हुई है बहुत अच्छा लग रहा है। इथियोपिया में हमने मन्नत मांगी थी की जब वतन वापसी होगी तो पहले अयोध्या जाकर भगवान श्रीराम और हनुमानजी का दर्शन करके ही अपने घर जाऊंगा। निश्चित रूप से आज बहुत खुश हूं।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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