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आजमगढ़: 20 साल पहले चोरी हुई बाइक का दाे बार हो गया ट्रांसफर


बनारस में चोरी हुई थी बाइक, यहां दो बार हुआ ट्रांसफर , आरटीओ में मचा हड़कंप

आजमगढ़: बनारस से चोरी हुई बाइक का आजमगढ़ परिवहन विभाग से दो बार ट्रांसफर होने से खलबली मच गई है। एआरटीओ प्रशासन मामले की जांच में जुट गए हैं। अपने कर्मचारियों संग रिकार्ड खंगालते रहे। इस खेल में कई के गर्दन फंस सकते हैं।
परिवहन विभाग में अधिकारी, बाबू, कर्मचारी व दलालों की मिलीभगत से बड़े-बड़े खेल होते रहे हैं। बनारस में सिगरा थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर कालोनी के अधिवक्ता राम नरेश सिंह की पत्नी गुड़िया सिंह के नाम की बाइक 20 वर्ष पहले चोरी हो गई थी। इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज था।
उसके बाद भी बाइक का आजमगढ़ परिवहन कार्यालय में दर्ज होने के साथ दो बार ट्रांसफर भी हो गया। इस दौरान आजमगढ़ कार्यालय ने बनारस से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया। सबसे बड़ी बात यह है बनारस में बाइक का नंबर ब्लाक है, फिर भी नवीनीकरण हो गया।
बाइक नौ जनवरी 1997 को बनारस परिवहन विभाग में पंजीकृत हुई थी। 15 दिसंबर 2002 को बाइक उनके घर के सामने चोरी हो गई थी। चोरी की बाइक छह अगस्त 2013 को आजमगढ़ कार्यालय में दर्ज होने के साथ ही पंजीयन का नवीनीकरण कराया गया। 22 जनवरी 2014 को आजमगढ़ कार्यालय से गुड़िया सिंह की बाइक हंसापुर, चिरैयाकोट निवासी मो. नजीर खान के नाम से ट्रांसफर हो गई। इसके बाद आजमगढ़ के वमौहरा, मुबारकपुर निवासी मो. जहीद के नाम ट्रांसफर हो गई। मामला संज्ञान में आते ही विभाग में हड़कंप मच गया।
एआरटीओ प्रशासन सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि मामला काफी पुराना है। रिकार्ड मिलने में दिक्कत हो रही है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर संबंधित काे नोटिस भेजा जाएगा। आनलाइन व्यवस्था होने के बाद यह संभव नहीं हो पा रहा है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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