.

.

.

.
.

आजमगढ़: गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष शीश झुका मांगा सुख-समृद्धि का आशीष



श्रद्धा व उत्साह से मना प्रथम गुरु नानक देव का प्रकाशोत्सव

सबद-कीर्तन के बाद लंगर में मिला सामाजिक एकता का संदेश

आजमगढ़ : सिख संप्रदाय के प्रथम गुरु नानक देव के 553वें प्रकाशोत्सव पर मंगलवार को गुरुद्वारों में सैकड़ों लोगों ने हाजिरी लगाई और गुरु ग्रंथ सहिब के समक्ष शीश झुकाकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके बाद आयोजित लंगर में सभी ने पांत में एक साथ भोजन ग्रहण कर एकता का संदेश दिया। नगर के मातवरगंज स्थित श्री सुंदर गुरुद्वारा में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था जो देर शाम तक चलता रहा। महिलाओं और बच्चों में गुरुद्वारे पहुंचने को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह देखा गया। लोगों ने गुरुद्वारे में पहुंचकर सबसे पहले फूलों से सजी पालकी में विराजमान गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और सबद-कीर्तन में भाग लिया। सुबह से ही सहज पाठ शुरू हो गया था जिसके समाप्त होने पर भोग अर्पित किया गया। इसके बाद सबद कीर्तन फिर कड़ाह प्रसाद का वितरण किया गया। पाठ की समाप्ति के बाद अरदास और दोपहर बाद लंगर शुरू हुआ। लंगर में सामाजिक एकता की भी साफ झलक दिख रही थी। लंगर में कोई न तो बड़ा था और ना ही छोटा। सभी एक ही पांत में जमीन पर बैठकर गुरु का प्रसाद मान लंगर चख रहे थे। सिख संप्रदाय के अलावा हिंदू संप्रदाय के लोगों ने भी गुरुद्वारों में पहुंचकर सिर को ढंकने के बाद गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष शीश झुकाया। दूसरी ओर जिनके पास सिर ढकने की व्यवस्था नहीं थी उनके लिए भी इंतजाम किया गया था। दरबार हाल के बाहर सिर ढकने के लिए रुमाल की व्यवस्था की गई थी, लौटते समय लोग अपने स्थान पर रख दे रहे थे। उधर जिन लोगों को आयोजन की जानकारी नहीं थी उन्हें भी दो दिन से निकाली गई प्रात:कालीन कीर्तन प्रभातफेरी ने आयोजन की जानकारी दे दी।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment