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आजमगढ़: हरिहरपुर कजरी महोत्सव का हुआ शानदार समापन



महोत्सव का अंतिम दिन कलाकारों के सम्मान के नाम रहा

आजमगढ़: हरिहरपुर घराना संगीत संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हरिहरपुर कजरी महोत्सव का शानदार समापन सोमवार की देरशाम हुआ। महोत्सव का तीसरा दिन कलाकारों के सम्मान के नाम रहा। हरिहरपुर कजरी महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ कलाकार पंडित श्री शंभू नाथ मिश्र, श्रीमती सपना बनर्जी, पंडित सारनाथ मिश्र, पंडित अरुण मिश्र आदि द्वारा मां सरस्वती जी के प्रतिमा पर पुष्पाजंलि व दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रथम बाल कलाकार नीतिज्ञा श्रीवास्तव द्वारा भजन गीत की प्रस्तुति बोल ओ कान्हा तोरी मधुर सुना दो तान तबले पर बाल कलाकार आयुष्मान श्रीवास्तव संगत किए। जिसे सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो उठे। इसके बाद कान्हा मिश्र द्वारा गुरु वंदना हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणों में व कजरी मोरे सावन में झूला डलाई दा की प्रस्तुति दी गई। वहीं पंकज मिश्र द्वारा कजरी गीत बोल बीच सीमा पर पियवा हमार बा खेतवा किसान बा ना दूसरी कजरी गीत झूला झुलावे राधा प्यारी झूले अवध बिहारी ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद आदर्श मिश्रा द्वारा राग पूरिया धनाश्री में गीत बोल गुरु के चरण धरो ध्यान, पायल की झनकार मोरी इनके साथ संगत पर आशीष मिश्र, सारंगी अभिनंदन मिश्र, तबला संतलाल मिश्र हारमोनियम संगत किए। इसी कड़ी में मेहमान कलाकार गीतेश मिश्र दिल्ली द्वारा राग यमन में छोटा ख्याल गुण चर्चा की कीजे मन सो वह हरिहरपुर संगीत घराना का प्राचीन बंदिश ख्याल को प्रस्तुत कर के हरिहरपुर घराना का मान बढ़ाया गया। पंडित गितेश द्वारा तीज कजरी हमके हरी हरी चूड़ियां मंगा दा पिया घर पहुंचा दा पिया ना गीत सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। पंडित जी के साथ संगत पर मोहन मिश्र तबला, मोहनलाल मिश्र सारंगी, संतलाल मिश्र हारमोनियम संगत किए। वहीं शनी मिश्रा वाराणसी द्वारा दादरा छोड़ो छोड़ो डगरिया श्याम वह कजरी रामा पड़े रस बुनिया गाकर प्रस्तुति दी गई। इसके बाद सम्मान का क्रम जारी हुआ तो देररात्रि तक जारी रहा। हरिहरपुर घराना संगीत संस्थान द्वारा पांच वरिष्ठ बुजुर्ग संगीतज्ञ पंडित शंभू नाथ मिश्र, पंडित मोहनलाल मिश्र, पंडित अरुण मिश्रा, पंडित सूरज मिश्र, पंडित अशोक मिश्र को अंग वस्त्र, पुष्प व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सम्मान की कड़ी में आजमगढ़ जनपद के वरिष्ठ रंगकर्मी संतोष श्रीवास्तव अभिनेता को संस्था परिवार द्वारा अंग वस्त्र मेडल व पुष्प देकर सम्मानित किया गया। सम्मान की कड़ी में समस्त बाल कलाकारों को संस्था के पदाधिकारियों द्वारा मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया वही हरिहरपुर कजरी महोत्सव में आए अनुराग गुप्ता, सोनू थाना कंधरापुर कोतवाल आदि लोगों को संस्था द्वारा मेडल पुष्प अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। हरिहरपुर घराना के वरिष्ठ कलाकार पंडित शंभूनाथ मिश्र द्वारा बोल बैठी सोचे ब्रृज बाम सूना लागे मोरा बाम नहीं आए घनश्याम घेरी आई बदरी एवं ए हो नंदलाला काहे करत रंग रगरिया हो रामा प्रस्तुति देकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिए। इनके साथ संगत पर सतीश मिश्र तबला मोहनलाल मिश्र सारंगी की संगत किए। जनपद अंबेडकर नगर से आए मेहमान कलाकार प्रदीप तिवारी द्वारा कजरी गीत रामा रोज पड़े कुंजन में झूले अवध बिहारी ना की प्रस्तुति की गई। प्रभात सिंह द्वारा कजरी गीत कचौड़ी गली सून कइला बलमू बिहार यूपी पहला गुलजार हो गाकर प्रस्तुति किए। लकी साहिल ने सूफी गीत की प्रस्तुति दी। संतोष मिश्र द्वारा कजरी गीत की प्रस्तुति से श्रोता मंत्रमुग्ध हुए । हरिहरपुर कजरी महोत्सव में भाग लेने वाले समस्त कलाकारों को संस्था परिवार द्वारा मेडल व पुष्प देकर सम्मानित किया गया। म्यूजिक की जिम्मेदारी दीपराज मिश्र, ढोलक दयाशंकर मिश्र, तबला प्रिंस, आर्गन चंदन महादेव ,आर्गन संदीप मिश्र पैड पर संगत बहुत ही सुंदर ढंग से किए। संचालन शीतला मिश्र ने किया। आंगतुकों के प्रति संस्था निदेशक अजय मिश्र ने आभार जताते हुए आगे भी महोत्सव आयोजित कराने के अपने संकल्प को दोहराया। कार्यक्रम को सफल बनाने वालो में अध्यक्ष राजेश मिश्र, उदय मिश्र, राहुल, प्रवीण मिश्र, नीतीश मिश्र, हृदय मिश्र, डा संदीप पांडे आदि शामिल रहे।

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