कोर्ट ने आरोपितों पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया
25 जनवरी 2000 की रात हुई थी हसन अली की हत्या
आजमगढ़: लूट व हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने उक्त आरोपितों पर बीस-बीस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायधीश कोर्ट नंबर एक बी. डी.भारती ने गुरुवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार मुबारकपुर कस्बे के शाहमुहम्मदपुर निवासी हसन अली साड़ी का व्यापार करता था। हसन अली तथा अन्य साड़ी व्यापारी प्रत्येक मंगलवार को साड़ी बेचने के लिए वाराणसी जाते थे। हसन अली 25 जनवरी 2000 की रात आठ बजे वाराणसी से माल बेचकर घर आ रहे थे। तब घर के पास ही शमीम अहमद पुत्र अलाउद्दीन निवासी कोइरियापार थाना मोहम्मदाबाद जनपद मऊ, शफीक उर्फ अब्दुल वाहिद पुत्र अब्दुल बारी निवासी पूरा दुल्हन थाना मुबारकपुर तथा बबलू उर्फ इनामुल हक पुत्र हबीबुर्रहमान निवासी पूरा दुल्हन थाना मुबारकपुर ने हसन अली को रोक लिया और उसके साथ लूटपाट की। विरोध करने पर हसन अली को गोली मार दी। जिससे मौके पर ही हसन अली की मृत्यु हो गई। इस मामले में मृतक हसन अली के बाबा हाजी सज्जाद ने मुबारकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद मामले में चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दिया। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता जगदंबा प्रसाद पांडेय ने सैयद अली, तकी हुसैन ,राजेंद्र ,डॉक्टर बी भार्गव, विवेचक श्याम रथी ,विवेचक शत्रुघ्न प्रसाद चौधरी तथा सुकदेव को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शमीम अहमद ,बबलू उर्फ इनामुल हक, शफीक उर्फअब्दुल वाहिद को आजीवन कारावास तथा बीस बीस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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