भंवरनाथ मंदिर में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का प्रथम दिन
आजमगढ़: जो शिव का नहीं वह किसी काम का नहीं, वह मनुष्य शव के समान है जिसके हृदय में शिव के प्रति आस्था-भक्ति ना हो। यह बातें बाबा भंवरनाथ मंदिर परिसर में शुक्रवार से आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा की प्रथम दिन अयोध्या से पधारे युवा संत प्रेम मूर्ति सर्वेश जी महराज ने कही।अयोध्या धाम से पधारे डॉ रामविलास वेदांती जी के शिष्य सर्वेश जी महराज ने कहा कि मंदिर परिसर की सेवा करने से मनुष्य की सात पीढ़ियां तर जाती हैं, लेकिन सेवा अगर स्वार्थ से की गई हो तो सब कुछ व्यर्थ है। एक वही है जो सब कुछ जानता है उससे कुछ भी छुपा नहीं है। ना ही से कुछ बताने की जरूरत है ना ही कुछ जताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर राघव की कृपा ना हो तो हमें मंदिर, सत्संग, कथा में जाने का अवसर प्राप्त ही नहीं हो सकता। जब प्रभु की कृपा प्राप्त होती है तभी हम सत्संग, कीर्तन व भगवान की सेवा का अवसर प्राप्त होता है। हमें जब कभी कथा, सत्संग में जाने का अवसर प्राप्त हो तो पूरे परिवार के साथ इष्ट मित्रों के साथ जाना चाहिए। सर्वेश जी महाराज ने कहा कि आज की भागदौड़ की जिंदगी में भगवान के लिए भी समय निकालना अति आवश्यक है। क्योंकि जब तक जीवन है काम समाप्त नहीं हो सकता। इसलिए कुछ समय प्रभु के लिए भी निकालना चाहिए, जिन्होंने आपको यह सुंदर मनुष्य का जीवन दिया है हमें उसका पिता के आभारी होना चाहिए। इसीलिए पूजा-पाठ जप-तप भजन, कीर्तन, कथा, सत्संग में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। कथा में प्रथम दिन डॉ सलमानी, विपिन सिंह डब्बू डॉजे एन सिंह, जन्म सिंह, अमरदेव सिंह, अनिल सिंह, मेटा सिंह, रवि पांडे, किशन, डॉ दिनेश शर्मा, राजेश रंजन आदि सहित सैकड़ों भक्त गण उपस्थित रहे।
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