बिगड़ैल बंदर को पकड़ने को वन विभाग की कार्रवाई देख रही भीड़ में शामिल था बालक
आजमगढ़: जिले में दो दिनों में एक दर्जन लोगों को काटकर जख्मी कर चुके बंदर को पकड़ने के लिए घर के दरवाजे पर वन विभाग की कार्रवाई देख रहा बालक पटाखे की जद में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया और इलाज के लिए ले जाते समय मौत हो गई। जहानागंज ब्लाक के बरहतिर जगदीशपुर गांव में लंगूर पकड़ने के लिए वन विभाग के लोगों ने पटाखा फोड़ा तो एक बालक की जान पर भारी पड़ गया। पटाखा उसके सिर पर लगा और घायल हो गया। जिला अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। बालक की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। जहानागंज व आसपास के गांवों में दो दिन पहले पहुंचा बंदर एक दर्जन लोगों को काटकर जख्मी कर दिया था। इसकी जानकारी के बाद क्षेत्रीय वन अधिकारी चंद्रभूषण तिवारी के नेतृत्व में टीम बंदर को पकड़ने के लिए पहुंची थी। जिस कमरे में बंदर छिपा था उससे बाहर निकालने के लिए विभाग के लोग पटाखा फोड़ रहे थे। आसपास लोग वन विभाग की कार्रवाई देखने के लिए जुटे थे। गांव का कक्षा पांच का छात्र सोएब अख्तर भी अपने दरवाजे पर खड़ा था। उसी बीच पटाखा उसके सिर पर लगा तो खून बहने लगा। परिवार लोग उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोल्हूखोर ले गए, जहां से हालत गंभीर देख डाक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। आनन-फानन उसे लेकर लोग जिला मुख्यालय आ रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। उसके पिता कमाल अख्तर ने बताया कि दो दिनों से बंदर के आतंक से सभी परेशान हैं इसलिए पूरा इलाका वन विभाग की कार्रवाई देखने के लिए जुटा था। बेटा भी अपने दरवाजे पर यह सब देखने के लिए खड़ा था, लेकिन किसी को क्या पता कि ऐसा करना उसकी मौत का कारण बन जाएगा। उधर, बालक की मौत की जानकारी गांव पहुंची तो पूरा गांव शोक में डूब गया।
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