नौ साल बाद आया अदालत का फैसला, 12 मई को होगा सजा का निर्धारण
आजमगढ़: जिले सगड़ी क्षेत्र के पूर्व विधायक और जीयनपुर के निवासी सर्वेश सिंह सीपू और उनके साथी रौनापार थाना क्षेत्र के मऊ कुतुबपुर निवासी भरत राय की गाेली मारकर हत्या किए जाने के मामले में नौ वर्ष बाद अदालत मंगलवार को नतीजे पर पहुंची कि कुख्यात ध्रुव कुमार सिंह कुंटू समेत नौ लोग गुनाह में शामिल थे। इस मामले में उनकी संलिप्तता के साथ ही उनको दोष सिद्ध पाया गया है। अब 12 मई को अदालत फैसला करेगी कि किसका गुनाह किस स्तर का है और उसे सजा क्या दी जाएगी। सर्वेश की हत्या वर्ष 2013 में 19 जुलाई को बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े पूर्व विधायक के घर की दहलीज पर की थी। घटना के बाद जीयनपुर कस्बा जल उठा था, जिसमें तीन अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी। भीड़ ने थाना कोतवाली पर पथराव करते हुए वाहनों में आग लगा दी थी। हालात यह हो गए थे कि किसी दूसरे रास्ते से डीएम और एसपी थाने में तो पहुंच गए थे, लेकिन बाजार में जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। किसी तरह डीएम ने हिम्मत जुटाई और सीपू के कुछ खास लोगों को लेकर उनके दरवाजे पर पहुंचीं। लोगों को न्याय का भरोसा दिलाया, तब शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका था। इस मामले में अन्य आरोपितों के साथ तत्कालीन कोतवाल विजय सिंह के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया था। ग्रामीणों की मांग पर तत्कालीन एसपी अरविंद सेन ने तो कोतवाल की गिरफ्तारी तक की घोषणा कर दी थी। केस हाईप्रोफाइल होने के कारण मुकदमें की जांच सीबीआइ ने भी की थी। दोष सिद्ध होने की जानकारी कुंटू को कासगंज जेल में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए दी गई, जबकि बाकी के अधिवक्ताओं को इससे अवगत कराया गया। इस बाबत मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुंटू को पूरे प्रकरण की जानकारी दी गई है। अब सजा का निर्धारण कल बुधवार को किया जाएगा। 19 जुलाई 2013 को सीपू के दरवाजे पर बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में नौ साल से सुनवाई के बाद अब सजा का समय आ गया है। वहीं इस प्रकरण में सुबह से ही कोर्ट परिसर में गहमा गहमी का माहौल बना हुआ था।
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