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आज़मगढ़: डबल इंजन सरकार ने बिना भेदभाव के डबल काम भी किया है- सत्येंद्र राय


गोपालपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी 11 फरवरी को अपना नामांकन करेंगे

आजमगढ़: जिले की गोपालपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र राय 11 फरवरी को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।इसके पूर्व 07 फरवरी को क्षेत्र के परशुरामपुर में उनके केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन होगा।  भाजपा प्रत्याशी का कहना है कि केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने डबल काम भी बिना भेदभाव के किया। सरकार ने जो भी योजनाएं चलाईं, उसका फायदा सभी को मिला। इसी के दम पर हम जनता के बीच जा रहे हैं। निश्चित रूप से आने वाले विधानसभा के चुनाव में पार्टी को इसका फायदा मिलेगा। सत्येंद्र राय का कहना है कि गोपालपुर से भले ही सपा विधायक है और वो इसे अपना गढ़ बताते है, पर यहां के किसानों की समस्याओं का आज तक समाधान नहीं हुआ। इस इलाके में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन होता है, पर यहां के किसानों को आवागमन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। क्षेत्रीय विधायक कहते हैं कि हमारी सरकार नहीं है, इसलिए विकास नहीं हुआ। हम उनसे सवाल करना चाहते हैं कि क्या उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कोई प्रस्ताव कभी दिया। जबकि प्रदेश की भाजपा सरकार ने जितना ध्यान इस जिले को एकमात्र विधायक होने के बाद भी दिया, उतना ध्यान कभी सपा ने नहीं दिया। भाजपा नेता का कहना है कि जिले की जनता सपा की नीतियों को जान चुकी है। भाजपा ने बिना भेदभाव के विकास का काम किया और इस का लाभ आने वाले समय में पार्टी को मिलेगा। उन्होंने कहा चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले बाढ़ जैसी आपदा वाले क्षेत्रों में पुल,सड़कों पर काम कर बेहतर कनेक्टिविटी देने का जोर रहेगा। शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्य करेंगे। जिले की गोपालपुर विधानसभा के वोटों के समीकरण पर नजर डालें, तो वह इस प्रकार है। इस विधानसभा में 3 लाख 40 हजार 810 मतदाता हैं। इन मतदाताओं में ब्राह्मण 10 प्रतिशत, भूमिहार 7 प्रतिशत, मुस्लिम 12 प्रतिशत, यादव 20 प्रतिशत, क्षत्रिय 15 प्रतिशत, दलित 16 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 14 प्रतिशत और दलित 16 प्रतिशत हैं।
1993 से सपा-बसपा के कब्जे में है सीट
गोपालपुर विधानसभा सीट की यदि बात की जाए, तो यह 1993 से सपा-बसपा के कब्जे में ही रही है। वर्तमान में इस सीट पर सपा के नफीस अहमद विधायक हैं और पार्टी ने फिर उनको ही प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर टिकट की दावेदार रही पूर्व मंत्री वसीम अहमद की पत्नी शमा वसीम बागी हो चुकी हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रीकृष्ण पाल ने बसपा को पछाड़ते हुए दो नंबर पर पंहुचे थी। वहीं पुराने बसपाई रहे कमला यादव अब सपा में आ गए हैं। ऐसे में शमा वसीम का बागी होना और कमला यादव बसपा छोड़कर अपने पुराने घर सपा में लौटने से मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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