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आज़मगढ़: लोकतंत्र में सुननी पड़ेगी मतदाताओं की आवाज : शबाना आजमी


सिने तारिका ने प्रधानमंत्री के निर्णय को सराहा, किसानों को दी बधाई

बोलीं, हम आजमी हैं यही हमारी पहचान है,नाम बदलने से कष्ट होगा

आजमगढ़: पूर्व राज्यसभा सदस्य व सिने तारिक शबाना आजमी ने तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों को बधाई दीं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय को सराहा। कहा कि किसानों ने शिद्दत से लड़ाई लड़ी, कई की जान भी चली गई। इससे किसानों ने यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र में जो लोग हैं, जो वोट देते हैं, उनकी आवाज आप को सुननी पड़ेगी। प्रधानमंत्री ने लोगों की बात मानी है, बड़ा और सराहनीय निर्णय लिया है। सिने तारिका ने यह बातें शुक्रवार को अपने पैतृक गांव मेजवां में प्रेस-प्रतिनिधियों से वार्ता में कही। कहाकि अपनी बात रखने के लिए जनांदोलन महत्वपूर्ण तरीका है। क्योंकि यदि आप की सुनवाई न हो तो एकजुट हों, चाहे कोई कितना भी तोड़ने की कोशिश क्यों न करे। आंदोलन में मृत किसानों के मुआवजे की बात पर उन्होंने कहाकि सरकार मुआवजे लिए भी निश्चित प्रयास करेगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर राजनीति की बात पर शबाना आजमी ने कहाकि सही मायने में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शुरुआत अखिलेश यादव ने ही की थी, जिसे भाजपा की प्रदेश सरकार ने पूरा किया। इसलिए इसका श्रेय दोनों को मिलना चाहिए। पिछले दिनों राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य अब तो जिला आर्यमगढ़ बनकर ही रहेगा, के सवाल पर शबाना ने कहा कि मुझे बहुत दुख हुआ है। मेरा नाम आजमी है और यही मेरी पहचान है। कैफी आजमी ने जिले का नाम देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पिछले इलाकों को पूरी तरह मजबूत करना चाहिए। क्योंकि नाम बदलने से कड़वाहट होगी। लोगों को इससे दुख होगा। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी की बात पर कहा कि जिसने भी यह कहा, वहीं जाने, हम लोग को सकारात्मक विचार रखने वालों के साथ रहते हैं। मेरे पिता कैफी आजमी ने कहा था 'तोड़ना अपना काम नहीं, हम दिल को जोड़ने वाले हैं।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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