बैठक में तय हुई फसल अवशेष जलाने की घटना को शून्य करने की रणनीति
पराली जलाने की घटना की स्थिति में जिमेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी
आजमगढ़: सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपदीय अनुश्रवण सेल की बैठक हुई। इसमें रबी में फसलों की कटाई के बाद फसल अवशेष जलाने की घटना को शून्य किए जाने की रणनीति तैयार की गई। अवशेष जलाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम पर विस्तृत चर्चा की गई। डीएम राजेश कुमार ने निर्देश दिए कि सभी कंबाइन हार्वेस्टर पर जीपीएस सिस्टम भी अनिवार्य रूप से लगाने की मोनिटरिंग की जाए। हार्वेस्टर के भौतिक सत्यापन के बाद कृषि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किए कंबाइन हार्वेस्टर संचालन की स्थिति पाए जाने पर वाहन सीज किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एडीएम (एफआर) को राजस्व लेखपाल की अध्यक्षता में ग्राम प्रधान एवं प्राविधिक सहायक ग्रुप सी की निगरानी टीम बनाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि निगरानी समिति अपनी ग्राम पंचायत में पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए पूरी तरह उत्तरदायी होगी। घटना होने की स्थिति में इनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने राजस्व, पुलिस एवं कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को क्षेत्र भ्रमण के समय जनता को जागरूक किए जाने एवं इससे होने वाली हानि से परिचित कराने के निर्देश दिए। उप कृषि निदेशक संगम सिंह ने बताया कि रणनीति के तहत जिले में प्रत्येक कंबाइन हार्वेस्टर की निगरानी के लिए जीपीएस सिस्टम के अतिरिक्त कार्मिकवार ड्यूटी भी लगाई गई। गौरतलब है कि पराली जलाने की घटनाओं को शासन ने गंभीरता से लिया है। हालांकि सरकार ने पराली जलाने के मामले में आरोपित किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस ले लिया है।
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