.

.

.

.
.

आज़मगढ़: महायोजना के प्रस्तावों में भूमि सम्बन्धी कोई इश्यू नहीं होना चाहिए- कमिश्नर 


नगर क्षेत्र की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्ताव तैयार करें: डीएम

आज़मगढ़ विकास प्राधिकरण की बैठक में कमिश्नर व डीएम ने दिए निर्देश 

आज़मगढ़ 10 सितम्बर -- मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने आज़मगढ़ विकास प्राधिकरण की 17वीं बोर्ड बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई महायोजना में जो भी प्रस्ताव तैयार किये जायें वह पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ हर पहलू पर बारीकी से विचार, विमर्श के उपरान्त तैयार किये जायें। उन्होंने कहा कि अनुमोदन के उपरान्त किसी भी दशा में प्रस्तावों में भूमि से सम्बन्धित कोई इश्यू नहीं होना चाहिए। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने वृहस्पतिवार को देर सायं अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित उक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नई महायोजना में नगर क्षेत्र के अन्तर्गत जहॉं-जहॉं पार्किंग के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके लिए पर्याप्त चौड़ाई में पहुॅंच मार्ग होने चाहिए। इसके अलावा यह भी देख लिया जाय कि चिन्हित स्थान पर कितनी गाड़ियॉं हो सकती हैं और आगे चलकर कितनी गाड़ियॉं बढ़ सकती हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी कार्य कराया जाना है वह आवश्यकता के अनुसार होना चाहिए तथा इसमें जमीन के मालिकाना हक को भी ध्यान में रखा जाय। बैठक में अवगत कराया गया कि पुरानी जेल की भूमि जो आज भी निष्प्रयोज्य है, उस स्थल पर बिजनेस काम्प्लेक्स, सुपर मार्ट के साथ साथ कार पार्किंग, पार्किंग, लैण्ड स्केप गार्डेन, फ्यूचर एक्सटेंशन की प्रस्तावना की गयी है। बिजनेस काम्प्लेक्स में कामर्शियल मार्केट काम्प्लेक्स/शॉपिंग मॉल, शॉप्स एवं आफिस प्रस्तावित है। मण्डलायुक्त ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी और एडीए के सचिव को निर्देश दिया कि उक्त भूमि के लिए जो भी प्रस्ताव किया जाय वह उसकी उपयोगिता को ध्यान में रखकर तथा भूमि के प्रकार और प्रयोजन आदि का बरीकी से परीक्षण कराने के बाद ही तैयार किया, ताकि बाद में भूमि सम्बन्धी समस्या उत्पन्न होने की संभावना को समाप्त किया जा सके। इसी प्रकार नक्शे पास होने के बावजूद नर्सिंग होम्स एवं अस्पतालों द्वारा पार्किंग की व्यवस्था नहीं किये जाने के कारण वाहन प्रायः सड़कों खड़ा करने से उत्पन्न जाम की स्थिति के सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है। उन्होंने जिलाधिकारी को इस ओर ध्यान देकर तत्काल इसका निराकरण कराने का निर्देश दिया। बैठक में वर्ष 2021-22 हेतु आज़मगढ़ विकास प्राधिकरण के प्रस्तावित आय एवं व्यय के बजट प्रस्तुत किया। बजट पर बोर्ड के किसी सदस्य द्वारा आपत्ति नहीं उठाई गयी, जिसके फलस्वरूप मण्डलायुक्त श्री पन्त द्वारा उसका अनुमोदन किया गया। सचिव, आज़मगढ़ विकास प्राधिकरण बैजनाथ ने बताया कि उप विभाजन शुल्क में वर्ष 2020-21 में 65.00 लाख की धनराशि प्रस्तावित थी, जिसके सापेक्ष 11.17 लाख की धनराशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कम आय का कारण आनलाइन मानचित्र स्वीकृत करने की कार्यवाही की प्रारम्भिक जटिलता तथा बिना ले-आउट स्वीकृत के एकल मानचित्र स्वीकृत न करना बताया। यह भी बताया गया कि उप विभाज शुल्क में कम आय को शमन शुल्क से रिकवर किया गया है। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने इस सम्बन्ध में निर्देश दिया कि शमन नियमावली का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने महायोजना के प्रस्ताव में नगर क्षेत्र के अन्तर्गत बन्धे के निर्माण के सम्बन्ध में बाढ़ खण्ड से अभिमत अनिवार्य रूप से प्राप्त करने का निर्देश दिया। बैठक में जिलाधिकारी राजेश कुमार ने निर्देश दिया कि पुरानी महायोजना में जो कमियॉं और विसंगतियॉं थीं, वह नई महायोजना में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में नगर क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली आवश्यकताओं और नगर के विकास को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राधिकरण की सीमा पर जिन पॉंच स्थलों पर स्वागत द्वार बनाया जाना है उसे निर्धारित समय सीमा के अन्दर अवश्य पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाय। इसके अलावा शहर में चिन्हित जिन स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लाईट लगाई जानी है उसपर भी तत्परता से अग्रेतर कार्यवाही की जाय। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक (यातायात) सुधीर जायसवाल, अपर निदेशक, कोषागार विजय कुमार सिंह, मुख्य कोषाधिकारी विजय शंकर, नगर नियोजक हितेष कुमार, अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि, ईओ नगर पालिका, पीओ डूडा सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी तथा बोर्ड के सदस्य प्रेम प्रकाश राय, एसएन सिंह, पीएन पाण्डेय आदि उपस्थित थे।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment