सगड़ी के गोपईपुर गांव के बहादुर राम का ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से हुआ निधन
सैनिकों ने सलामी दी ,नायब तहसीलदार और पुलिस चौकी इंचार्ज ने कंधा दिया
आजमगढ़: सूचना तो पहले ही आ गई थी। उस दिन लोगों की जुबां खामोश थी, लेकिन गुरुवार को जब असम राइफल्स के जवान बहादुर राम का शव गांव पहुंचा तो पूरा गोपईपुर रो पड़ा। लोगों ने तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर पर श्रद्धा के फूल चढ़ाए तो वहीं कंधा देकर गांव के लाल को मुक्तिधाम के लिए विदा किया। वहां अंतिम संस्कार के पहले साथियों ने गार्ड आफ आनर दिया। सगड़ी तहसील क्षेत्र के गोपईपुर निवासी बहादुर राम की भर्ती असम राइफल्स की 44वीं बटालियन में 1983 में हुई थी। वर्तमान में उनकी तैनाती मणिपुर के तिम्मालौंग जनपद में थी। वह अपनी टुकड़ी के साथ 12 जुलाई को दोपहर बादर दो बजे गश्त पर थे कि हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया। उसके बाद पार्थिव शरीर को असम राइफल्स के दर्जन भर जवान लेकर गोपईपुर गांव में सुबह 11 बजे पहुंचे। नायब तहसीलदार मयंक मिश्रा ने पुष्प चक्र,तो अमिलिया पुलिस चौकी इंचार्ज भगत सिंह यादव ने पुष्प अर्पित कर सम्मान प्रदान किया। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। दोहरीघाट स्थित सरयू किनारे मुक्तिधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद बहादुर के दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। पत्नी मंजुला की पूर्व में ही मौत हो चुकी है। वह आखिरी बार अपने पुत्र दीपक की शादी में शामिल होने के लिए अप्रैल में घर आए थे। जून में छुट्टी समाप्त होने के पश्चात पुन: अपने तैनाती स्थल पर चले गए।अभी उनके छोटे पुत्र राहुल का विवाह नहीं हुआ है। दो पुत्रियों सरिता व रंजना का रो-रोकर बुरा हाल थ। ग्राम प्रधान राजेंद्र यादव, नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अर्जुन राम, जनार्दन राव, रामवृक्ष राम आदि लोगों को सांत्वना दे रहे थे।
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