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आज़मगढ़: एकल प्रस्तुति 'अंगिरा' ने स्त्री विमर्श को मजबूती से रेखांकित किया



16वें रंग महोत्सव 'आरंगम' के दूसरे दिन हुई प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा

आजमगढ़: सूत्रधार संस्थान द्वारा स्थानीय शारदा टॉकीज में आयोजित सोलहवां आजमगढ़ रंग महोत्सव जिसे लोग आरंगम के नाम से भी जानते हैं कि दूसरी संध्या आज रिवराइन वाराणसी की एकल प्रस्तुति 'अंगिरा' का सफल मंचन श्याम कुमार सहानी के सधे हुए निर्देशन में किया गया ।इस एकल प्रस्तुति में स्मृति मिश्रा जो कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली की स्नातक हैं ने अपने सधे हुए और प्रभावशाली अभिनय से 1 घंटे तक लोगों को बांधे रखा । अंगिरा की कथानक एक ऐसी लड़की की है जिसे उसका सबसे प्रिय उसका अपना पुरुष ही दबा के रखता है उसके सपने उसके अरमान उसकी चाहतों पर पाबंदियां लगाता है। यह प्रस्तुति स्त्री विमर्श को बहुत मजबूती से रेखांकित करती है ।प्रस्तुति बहुत सारे नए पीढ़ी की लड़कियों के लिए एक विमर्श खड़ा करती है।इस नाटक भारतीय नाट्य शास्त्र में वर्णित गति लय व मुद्राओ का बहुत सुंदर समावेश निर्देशक द्वारा किया गया है। निर्देशक की कल्पनाशीलता व अभिनेत्री के अभिनय क्षमता इस नाटक को दर्शको से जोड़े रखती है। गौतम चटर्जी का आलेख बहुत सुंदर है।नाटक का संगीत स्मिता मिश्रा व प्रकाश बंधु ने किया ।प्रकाश परिकल्पना प्रकाश बन्धु का रहा।आयोजन की मुख्य अतिथि डॉ हेमबाला, डॉ सुचिता श्रीवास्तव, डॉ सी के त्यागी, अभिषेक पंडित, कंचन मौर्या , अरुण मौर्या , अलका सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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