गरीबों को सस्ता व अच्छा इलाज उपलब्ध कराने की ठान चुके है अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. मनीष त्रिपाठी
आजमगढ़ : लहरों को साहिल की दरकार नहीं होती, हौसला बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती, जलते हुए चिराग ने आंधियों से यह कहा, उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती....। कुछ इसी सोच को साकार करने निकले अस्थि रोग विशेषज्ञ डा. मनीष त्रिपाठी ने उन लोगों की पीड़ा को दूर करने की ठान ली जो अस्थिरोग की चपेट में आने के कारण बिस्तर से उठ नहीं सकते थे। चाहत के बाद भी अपने बच्चों को गले नहीं लगा पाते थे। नित्य क्रिया तक में दुश्वारियां का सामान करने से परेशान थे। रोग के कारण बिस्तर जेल बन चुका था। रोग से पूरी तरह हार चुके थे। पैसे वाले तो बढिय़ा अस्पतालों में होने वाले खर्च को वहन करने में सक्षम हैं और अपनी समस्या का समाधान पा जाते हैं। मगर गरीब तबका दर्द के इस अभिशाप संग जीने को विवश रहता है। ऐसे मरीजों के लिए डा. मनीष त्रिपाठी उम्मीद की नई किरण लेकर आए हैं। वे अब तक 100 से अधिक जोड़ प्रत्यारोपण, 150 माड्यूलर बाइपोलर व अधिक दूरबीन विधि से जोड़ों का 300 से अधिक आपरेशन कर चुके हैं। पिछले सप्ताह 100 जोड़ प्रत्यारोपण करने के बाद उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का निश्शुल्क इलाज किया। साथ ही सारे जोड़ों की बदली भी बहुत सस्ते में की। इन सुविधा का ज्यादातर गरीब मरीजों ने लाभ उठाया है।
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