वर्ष 1992 में दर्ज हुआ जान से मारने की धमकी का पहला मुकदमा
आजमगढ़ : लखनऊ में मऊ के ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख रह चुके अजीत सिंह की हत्या के बाद फिर से सुर्खियों में आए कुख्यात ध्रुव कुमार सिंह का चेहरा प्रदेश की जरायम की दुनिया में टॉप पर है। आजमगढ़ में उसके खिलाफ एक-दो नहीं पूरे 67 मुकदमें दर्ज हैं। आंकड़ों के आइने में ध्रुव सिह की पुलिस ने वर्ष 1992 में कुंडली खोली थी।
पुलिस ने उसके खिलाफ जान से मारने का मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद 28 वर्षों में उसके खिलाफ यूपी के टॉप टेन माफियाओं में शुमार कर जरायम के कई बादशाहों को पीछे छोड़ दिया। वर्ष 2013 में 13 जुलाई को सगड़ी के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या में उसका नाम आया तो सुर्खियाें में छा गया। पुलिस केस डायरी में दर्ज मुकमदों के मुताबिक हत्या के 11 मुकदमे, लूट के दो, जानलेवा हमला करने के दो, गैंगस्टर के 12, डकैती का एक समेत 67 मुकदमें दर्ज हैं। कुंटू की राजनीतिक बैकग्राउंड ध्रुव कुमार सिंह की पत्नी वंदना सिंह अजमतगढ़ की ब्लाक प्रमुख है। इन्होंने चुनाव तो निर्दल ही लड़ा था, लेकिन चुनाव जीत गईं। इनकी मां विद्यादेवी वर्ष 2005 से 2010 तक प्रमुख रहीं। विद्या देवी एक बार अपने गांव छपरा सुल्तानपुर की ग्राम प्रधान भी रह चुकी हैं। कुंटू अपनी मां ब्लाक प्रमुख रहते ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख रहा था। वर्ष 2005 में निर्दल ही विधानसभा सगड़ी से ही किस्मत आजमाया था, लेकिन 12 से 13 हजार वोट से संतोष कराना पड़ा था।
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