.

.

.

.
.

आज़मगढ़: ये हैं लालबिहारी यादव जिन्होंने बीजेपी के गढ़ में सपा को दिलाई जीत...


तरवां ब्लाक के खरिहानी गांव के रहने वाले लाल बिहारी चौथे प्रयास में बने एमएलसी


वर्ष 1995 से अब तक इनके परिवार के लोग ही होते रहे हैं गांव के प्रधान

आजमगढ़.: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में भाजपा को मात देने वाले नव निर्वाचित शिक्षक एमएलसी लाल बिहारी यादव राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी है। लोकदल से राजनीति की शुरूआत करने वाले लालबिहारी ने वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक का गठन कर गैर अनुदानित विद्यालयों के शिक्षकों की लड़ाई शुरू की और प्रदेश में शिक्षकों की बीच गहरी पैठ बनानी। चौथे चुनाव में उनका शिक्षक एमएलसी बनने का सपना अब जाकर साकार हुआ। यहीं नहीं गांव की राजनीति में भी लालबिहारी के परिवार को पूरा हस्तक्षेप है। 1995 से आज तक गांव का प्रधान इन्हीं के परिवार को सदस्य होता रहा है।मूलरूप से तरवां ब्लाक के खरिहानी गांव के रहने वाले लालबिहारी यादव की शिक्षा दीक्षा की बात करें, तो प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय विष्णुपुर से, इंटर तक की शिक्षा बाबा देवनाथ राय इंटर कालेज खड़गपुर, बीए और बीएड की शिक्षा श्री दुर्गाजी पीजी कालेज चंडेश्वर से हुई है। एमए और एलएलबी उन्होंने शिब्ली कालेज से किया है। शिक्षा के बाद वे चैधरी चरण सिंह से प्रभावित होकर लोकदल से जुड़े थे।
लालबिहारी यादव छह भाई और तीन बहनों में आठवें नंबर की संतान हैं। उनके दो इंटर कालेज हैं। उनमें से एक खरिहानी के राधाकृष्ण इंटर कालेज में है जिसके वे खुद प्रधानाचार्य है। दूसरा मेंहनगर में बाबा खुशहाली इंटर कालेज है। लोकदल की राजनीति छोड़ने के बाद 2004 लाल बिहारी ने उप्र वित्तविहीन माध्यमिक शिक्षक संघ का गठन किया। आज भी वे संगठन के प्रदेश अध्यक्ष है। 2007 में पहली बार गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन खंड, 2013 में इसी खंड से दूसरी बार और तीसरी बार 2017 में इलाहाबाद-झांसी शिक्षक निर्वाचन खंड से चुनाव लड़े थे, जिसमें इन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन लाल बिहारी हिम्मत नहीं हारे और शिक्षकों की लड़ाई लगातार लड़ते रहे। शिक्षक एमएलसी चुनाव 2020 में उन्हें सपा का साथ मिला। सपा के टिकट पर वाराणसी क्षेत्र से मैदान में उतरे लाल बिहारी ने न केवल अपना एमएलसी बनने का सपना पूरा किया बल्कि पीएम मोदी का गढ़ बन चुके काशी क्षेत्र में बीजेपी का वर्चश्व तोड़ साइकिल दौड़ा दी।
लालबिहारी यादव के दो पुत्र हैं। एक पुत्र राधेश्याम यादव आयरलैंड में इंजीनियर हैं। दूसरे पुत्र कृष्णानंद यादव श्री दुर्गाजी पीजी कालेज से बीएड कर रहे हैं। लालबिहारी यादव के लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1995 से अब तक ग्राम प्रधानी इन्हीं के घर में है। पहली बार इनकी माता सोनिया देवी, उसके बाद पत्नी विद्यावती देवी, फिर छोटे भाई हरेंद्र यादव और वर्तमान में हरेंद्र की पत्नी सुमन यादव ग्राम प्रधान हैं।

Share on Google Plus

रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

आजमगढ़ लाइव-जीवंत खबरों का आइना ... आजमगढ़ , मऊ , बलिया की ताज़ा ख़बरें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment