अनुपस्थित रहने तथा खराब प्रगति पर उप परियोजना प्रबन्धक, सेतु निगम से स्पष्टीकरण तलब
जिला बदर की कार्यवाही में पूरी सतर्कता बरती जाय: डीआईजी
आज़मगढ़ 16 दिसम्बर-- मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कहा है कि शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देकर समयबद्ध रूप से पूरा करें तथा मण्डलीय अधिकारी अपने अपने विभाग से सम्बन्धित कार्यों की निरन्तर मानीटरिंग करें। मण्डलायुक्त श्री पन्त बुधवार को अपने कार्यालय के सभागार में आयोजित शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विकास कार्यक्रमों एवं कानून व्यवस्था आदि कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। बिना पूर्व में अवगत कराये बैठक से सेतु निगम के उप परियोजना प्रबन्धक के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे अनुपस्थिति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके अलावा गत एक माह में सेतु निगम के कार्याें में कोई भौतिक प्रगति नहीं मिलने के कारण उन्हें चेतावनी भी निर्गत किये जाने का निर्देश दिया। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के निर्माणाधीन भवनों की भौतिक प्रगति में भी कोई वृद्धि नहीं पाई गयी जिसके कारण कार्यदायी संस्था पैकफेड के अधिशासी अभियन्ता तथा गत दो माह से गलत विवरण प्रस्तुत करने पर डीपीआरओ मऊ को चेतावनी निर्गत करने का भी निर्देश दिया। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने समीक्षा के दौरान अन्य बिन्दुओं के साथ आमजन को सुगमता से स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने एवं कोविड-19 के दृष्टिगत विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को टारगेट किया। उन्होंने कहा कि सीएचसी एवं पीएचसी के निरीक्षण में चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स का रोस्टर बना हुआ नहीं पाया जाता है। इसके अलावा इमर्जेन्सी के स्टाफ का भी अंकन नहीं पाया जाता है। उन्होंने तीनों जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी सीएचसी एवं पीएचसी पर रोस्टर एवं इमर्जेन्सी स्टाफ का तत्काल अंकन सुनिश्चित कराया जाय। इसके के साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि अपने स्तर से भी स्वास्थ्य केन्द्रों का औचक निरीक्षण करायें। मण्डलायुक्त ने आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा में पाया कि इस योजना में आज़मगढ़ 30वें, मऊ 41वें एवं बलिया 60वें स्थान पर है। इस स्थिति पर उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए मऊ एवं बलिया के सीएमओ को तत्काल सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को शीघ्रातिशीघ्र क्रियाशील कराने हेतु निर्देशित किया। जिला चिकित्सालय मऊ में अल्ट्रासाउण्ड मशीन नहीं होने के सम्बन्ध में उन्होंने डीएम मऊ को इस ओर व्यक्तिगत ध्यान देकर शासन से मांग किये जाने का निर्देश दिया। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम में बलिया की प्रगति खराब पाई गयी, जिसपर मण्डलायुक्त ने तत्काल सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने संस्थागत प्रसव में मण्डल के तीनों जनपदों की स्थिति खराब मिलने तथा मातृ-मृत्यु का अंकन नहीं किये जाने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस ओर ध्यान देकर सुधार लाने की हिदायत दी।
मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कहा मा.मुख्यमन्त्री जी द्वारा पंचायत भवनों एवं सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की निरन्तर समीक्षा की जा रही है, इसलिए तीनों जनपद के जिला पंचायत राज अधिकारी इस ओर विशेष ध्यान देकर कार्यों को शीघ्र पूरा करायें। उन्होंने उप निदेशक पंचायत को निर्देशित किया कि अपने विभाग के सम्बन्धित कार्यों की निरन्तर मानीटरिंग करते रहें तथा अद्यतन स्थिति से अवगत कराते रहें। सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की समीक्षा में पाया गया कि आजमगढ़ में कुल लक्ष्य 1859 के सापेक्ष 76 अनारम्भ, 563 निर्मित हैं तथा बलिया में 948 लक्ष्य के सापेक्ष 213 अनारम्भ, 178 निर्मित हैं। मऊ की प्रगति का विवरण गलत एवं भ्रामक पाया गया, जबकि गत माह भी विवरण सही उपलब्ध नहीं कराया गया था, जिस पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए डीपीआरओ मऊ को चेतावनी निर्गत करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार भवन भवन निर्माण की समीक्षा से स्पष्ट हुआ कि पूर्व में निर्मित पंचायत भवनों को छोड़कर वर्तमान में आज़मगढ़ में 57 एवं बलिया में एक पंचायत भवन निर्मित है जबकि मऊ में कोई पंचायत भवन निर्मित नहीं हुआ है। उन्होंने इस स्थिति पर असन्तोष व्यक्त किया तथा मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन महत्वपूर्ण कार्यों में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर अपेक्षित कार्यवाही करायें। उन्होंने कहा कि सामुदायिक शौचालयों एवं पंचायत भवनों के निर्माण हेतु जहाॅं भूमि अभी तक उपलब्ध नहीं हो सकी है उसके लिए सम्बन्धित एसडीएम से सम्पर्क कर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय।
कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान डीआईजी सुभाष चन्द्र दूबे ने कहा कि प्रायः इस आशय की शिकायतें मिल रही हैं कि गुण्डा ऐक्ट में एक मुकदमें के आधार पर ही कतिपय लोगों के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही कर दी गयी है। उन्होंने कहा जिला बदर की कार्यवाही पर्याप्त आधार पर की जाय। उन्होंने तीनों जनपद के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि जनपदों में बड़े अपराधियों से सम्पर्क रखने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाय, परन्तु सुनिश्चित किया जाय कि किसी निर्दोष पर कार्यवाही न हो। उन्होंने अवैध शराब की बिक्री और शराब की तस्करी पर भी प्रभावी अंकुश लगाने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने कहा कि जिला बदर अपराधियों पर निरन्तर निगाह रखी जाय, किसी भी दशा में ऐसे अपराधी जनपद की सीमा में नजर नहीं आने चाहिए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी आज़मगढ़ राजेश कुमार, जिलाधिकारी मऊ अमित सिंह बंसल, जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही, पुलिस अधीक्षक आज़मगढ़ सुधीर कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक मऊ सुशील कुमार घुले, पुलिस अधीक्षक बलिया विपिन टांडा, अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़ आनन्द कुमार शुक्ला, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. मुहिब्बुल्लाह, उप निदेशक पंचायत राम जियावन, मुख्य अभियन्ता विद्युत आरआर सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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