पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में गई है जमीन,स्थानीय प्रशासन पर लगाया मुआवजा देने में उत्पीड़न का आरोप
आज़मगढ़: भारत - चीन सीमा पर डोकलाम में देश की एक एक इंच भूमि की रक्षा करने को तैनात बीएसएफ का एक जवान खुद अपनी पैतृक जमीन के मुआवजे को लेकर दर-दर भटकने को मजबूर है। मामला आजमगढ़ के सदर तहसील के उकरौड़ा गांव का है। बता दें कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण बहुत ही तीव्र गति से किया जा रहा है और इसमें ज्यादातर किसानों से भूमि का अधिग्रहण भी कर लिया जा चुका है। यह निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है लेकिन अभी भी कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर किसानों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है और सरकारी मशीनरी पर जबरन उनकी भूमि पर कब्जा करने की बात कही की जा रही है। ऐसा ही मामला उकरौड़ा में भी सामने आया है। यहां के निवासी कैलाश चंद जोकि डोकलाम चीन भारत सीमा पर बीएसएफ जवान के रूप में तैनात हैं , उनकी यहां पर गांव की जमीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में आ गई है। उनके अनुसार चकबंदी के कुछ मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन उनका मुआवजा नहीं दे रहा है जबकि यूपीडा मुख्य कार्यपालक अधिकारी वह अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की तरफ से उनके पक्ष में पत्र भी जारी कर दिया गया है। उनके अलावा गांव में करीब 25 और लोग भी पीड़ित है जिनकी कई कड़ी जमीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में आई है। पीड़ितों के अनुसार अधिकारीगण उनको मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। फिर कभी भरोसा दे रहे हैं कि रोड का निर्माण हो जाने दो फिर बाद में फैसला हो जाएगा।
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