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कोरोना काल में भी आजमगढ़ के ब्लड बैंक में नहीं हुई ब्लड की कमी


जिले के ब्लड बैंक को प्रदेश में मिला है तीसरा स्थान, पड़ोसी जनपदों को भी की गयी ब्लड की आपूर्ति

आजमगढ़ 18 नवंबर-- जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी राजेश कुमार की निगाह जिले की हर स्वास्थ्य सुविधाओं पर रहती है। इसलिए जिले की हर स्वास्थ्य सुविधा हर दिन नए कीर्तिमान बना रही है। मंडलीय जिला चिकित्सालय आजमगढ़ स्थित ब्लड बैंक ने कोरोना काल में भी हर समय ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड की उपलब्धता को बनाए रखा। ब्लड का पर्याप्त स्टाक बनाए रखने के लिए यहां के ब्लड बैंक को प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है। इसके लिए राज्य रक्त संचरण परिषद उत्तर प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी लखनऊ की ओर से प्रशस्ति पत्र भी मिल चु्का है।
ब्लड बैंक के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रहास बताते हैं कि कोरोना काल जैसी विषम स्थिति के महीनों में भी यहां के ब्लड बैंक में 500 से 550 यूनिट ब्लड की उपलब्धता हमेशा बनी रही। कैसा भी समय आये ब्लड बैंक की सेवाएं रुकीं नहीं। कोरोना काल में जब लोग घरों से नहीं निकल रहे थे तब भी ब्लड बैंक के लोग गांव-गांव जाकर लोगों से रक्तदान की अपील करते रहे और उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित करते रहे। इसी के चलते जरूरत पड़ने पर यहां से जौनपुर, मऊ, वाराणसी, गोरखपुर और अंबेडकर नगर को ब्लड उपलब्ध कराया गया। इस समय भी आजमगढ़ के ब्लड बैंक के पास 542 यूनिट का स्टाक कोल्ड स्टोरेज में मौजूद है।
ब्लड बैंक की जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) डॉली पांडे तथा सलाहकार राजेंद्र कुमार यादव कहते हैं यहां के ब्लड बैंक का ब्लड अच्छी क्वालिटी का है। यहां पर ब्लड की जांच एलाइजर रीडर से की जाती है। इसलिए यहां के ब्लड में किसी तरह का दोष मिलने की आशंका नहीं रहती। उन्होंने लोगों से जरूरत पड़ने पर यहां के ब्लड का उपयोग करने की अपील भी की है। उन्होंने कहा है कि यहां पर ब्लड की उपलब्धता को आजमगढ़ ब्लड बैंक की साइट ेइजबनच पर कोई भी व्यक्ति देख सकता है।
यहां संग्रह किए गए ब्लड ने अभी तक एचआईवी, जननी सुरक्षा योजना, प्लास्टिक एनीमिया, थैलीसीमिया तथा अन्य तरह के मरीजों की जान बचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। विभिन्न तरह के रोगियों की मांग पर वर्ष 2017-18 में 685 लोगों को यहां ब्लड बैंक ने ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित कराई। वर्ष 2018-19 में 2025, वर्ष 2019-20 में 700 से ज्यादा रोगियों ने ब्लड की मांग की और उन्हें उपलब्ध कराया गया। वहीं वर्ष 2020 में अप्रैल से लेकर अब तक 384 जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई), थैलीसीमिया, ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए ब्लड की मांग की गई जिसकी समय से आपूर्ति कर उनकी जान बचाने में यहां ब्लड ने अपनी भूमिका निभाई है। आजमगढ़ में एकत्रित ब्लड ने सिर्फ मऊ और बलिया को ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर अंबेडकर नगर तक उपलब्धता सुनिश्चित की है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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