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आज़मगढ़: 02 दिन बाद अपने घरों के मालिक बन जाएंगे 11 गांवों के लोग, जानिये कैसे....


प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को करेंगें शुरूआत,जिलाधिकारी 11 गांव को लोगों को डिजिटल घरौनी (मकान का अभिलेख) उपलब्ध कराएंगे

आजमगढ़.: जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब जो लोग आबादी में घर बनाकर रहते हैं और उनके पास घर से संबंधित कोई अभिलेख नहीं है उन्हें सरकार स्वामित्व योजना का लाभ देकर घर का मालिक बनाने जा रही है। 11 अक्टूबर को जिले के 11 गांव के लोगों को उनके घर का मालिकाना हक मिल जाएगा। कारण कि इसी दिन प्रधानमंत्री इस योजना की शुरूआत करेंगे और उसके तत्काल बाद कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी 11 गांव को लोगों को डिजिटल घरौनी (मकान का अभिलेख) उपलब्ध कराएंगे। बाकी गांवों के लोगों को योजना का लाभा लेने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रदेश के 37 जिलों के 370 गांवों के लोगों को उनके मकानों के स्वामित्व का डिजिटल प्रमाण पत्र वितरण करेंगे। माना जा रहा है कि लोगों को मकान का स्वामित्व मिलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवाद के झगड़ों में कमी आयेगी। कारण कि वर्तमान में सर्वाधिक विवाद आबादी की भूमि के देखने को मिल रहे है। एक तो विवाद नहीं होगा दूसरे मकान की घरौनी को बंधक रख कर बैंक से अपनी जरूरतों के लिए कर्ज भी लिया जा सकेगा।
आबादी सर्वेक्षण के लिए सबसे पहले गांव में चूने से मार्किंग करके संपत्तियों को अलग-अलग दर्शित किया जा रहा है ताकि ड्रोन से फोटो खींचे जाने पर वे अलग-अलग दिखाई दें। ड्रोन फोटोग्राफी के आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जा रहा हैं और उसमें दर्शाए गए मकानों व अलग दर्शाए गए स्थानों की नंबरिंग की की जा रही है। नंबरिंग के आधार पर हर घर के गृहस्वामी का नाम लिखा जा रहा है। यदि घर में संयुक्त रूप से कई भाई रहते हैं तो सभी के नाम और उनके हिस्से भी लिखे जा रहे हैं। आबादी क्षेत्र के नक्शे के आधार पर गृह स्वामियों की सूची तैयार की जाएगी। सार्वजनिक भूमि, नाली, खड़ंजा, रास्ता, मंदिर, मस्जिद आदि के अलग-अलग नंबर दिये जाएंगे। आबादी क्षेत्र की संपत्तियों को नौ श्रेणियों में बांटा जा रहा है। सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई सूची गांव में प्रकाशित की जाएगी। यदि सूची को लेकर किसी को कोई आपत्ति है तो उसे सूची के प्रकाशन से 15 दिनों के अंदर अपनी आपत्ति दर्ज करानी होगी। आपत्ति की सुनवाई संबंधित एसडीएम करेंगे। पक्षों के बीच सहमति बनने पर उसे दर्ज किया जाएगा और नहीं बनती है तो मामला सक्षम न्यायालय के आदेश के बाद निस्तारित होगा। जिन घरों पर कोई आपत्ति नहीं होगी या समझौता हो चुका होगा, उनके ग्रामीण आवासीय अभिलेखों को अंतिम रूप देते हुए जिलाधिकारी घरौनी उपलब्ध कराएंगे।
स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का यूनीक आईडी नंबर दर्ज होगा। 13 अंकों के इस आईडी नंबर में पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। अगले पांच अंक आबादी के प्लाट नंबर को दर्शाएंगे और आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे।
मुख्य राजस्व अधिकारी हरिशंकर का कहना है कि जिले में घरौनी तैयार करने का कार्य तेजी से चल रहा है। 11 अक्टूबर तक जिन गांवों की घरौनी तैयार हो जाएगी। उन गांवों के ग्रामीणों को कलेक्ट्रेट में बुलाकर घरौनी का वितरण किया जाएगा। 11 गांव के लोगों को घरौनी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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