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आज़मगढ़: सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों का क्रियान्वयन पूरी क्षमता से करें- मण्डलायुक्त



डायलिसिस में कोविड-19 के प्रोटोकाल का हो सख्ती से अनुपालन, पूरी संवेदनशीता बरते: मण्डलायुक्त

पंचायत चुनाव के दृष्टिगत गांवों में शरारती तत्वों को पाबन्द करने की कार्यवाही तत्काल शुरू करायेंः डीआईजी

आज़मगढ़ 18 सितम्बर -- मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने कहा है कि विकास एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है, इसमें किसी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास हेतु शासन द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता वाले जो चिन्हित कार्यक्रम हैं उनका क्रियान्वयक पूरी क्षमता से किया जाय। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने शुक्रवार को अपने कार्यालय सभागार में आयोजित मण्डलीय समीक्षा बैठक में शासन द्वारा चिन्हित सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों, कानून व्यवस्था तथा कर करेत्तर एवं अन्य राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिया कि अधिकारीगण कार्याें का मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन करें, कार्यों की गुणवत्ता भी देखें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि नसबन्दी के मामलों में अन्तरा एवं छाया अत्यन्त महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी सीएमओ इसकी मानीटरिंग करें तथा जिन जिन सेन्टर्स पर यह सुविधा उपलब्ध है उसका पूरा विवरण तैयार कर प्रस्तुत करें। यह भी निर्देश दिया कि जितनी नसबन्दी हुई उसमें प्रथम डिलिवरी, द्वितीय डिलिवरी एवं नये कपल्स का भी पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाय। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने कोविड-19 के दृष्टिगत बरती जा रही सावधानियों एवं उपलब्ध स्टाफ की समीक्षा के दौरान पाया कि पीपीपी परियोजना में आज़मगढ़ की प्रगति तो ठीक है परन्तु बलिया में डायलिसिस में काफी वेटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि वेटिंग की समस्या से निजात पाने हेतु तत्काल शासन से डायलिसित मशीन की मांग कर ली जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी बलिया को भी अपने स्तर से शीघ्र कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया। श्री पन्त ने निर्देश दिया कि डायलिसिस के मरीज के लिए कोरोना वायरस अत्यन्त खतरनाक और प्राणधातक है, इसलिए डायलिसिस के सम्बन्ध में कोविड-19 हेतु जारी प्रोटोकाल का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसमें पूरी संवेदनशीलता बरती जाय। मण्डलायुक्त ने जिला अस्पतालों, सीएचसी एवं पीएचसी पर दवाओं की उपलब्ध की समीक्षा के दौरान कहा कि बलिया में दवाओं की उपलब्धता बहुत ही कम है। उन्होंने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीएमओ बलिया को निर्देशित किया कि तत्काल दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि यद्यपि कि आज़मगढ़ एवं मऊ में बलिया से अधिक दवायें उपलब्ध हैं, परन्तु इन जनपदों में भी स्थिति पूर्णतया सन्तोषजनक नहीं है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधूरे निर्माण कार्यों को भी समय से पूर्ण किये जाने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने विद्युत विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन विभागों का विद्युत बकाया है वे तत्काल बजट की मांग कर भुगतान करना सुनिश्चित करें। उन्होंने विद्युत विभाग के झटपट पोर्टल एवं निवेश मित्र पोर्टल में बड़ी संख्या में आवेदन लम्बित पाये जाने पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्य अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि जो भी आवेदन लम्बित हैं उनका प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें। पंचायत भवनों के निर्माण तथा स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा में मण्डल के तीनों जनपदों में पर्याप्त संख्या में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण हेतु भूमि अनुपलब्ध होना बताया गया। इस सम्बन्ध में उन्होंने तीनों जनपद के जिलाधिकारियों निर्देश दिया कि उपजिलाधिकारियों के साथ बैठक कर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करायें। नगरीय क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन की समीक्षा में पाया गया कि जनपद मऊ में 10 स्थानीय निकायों में से मात्र एक निकाय में ही ठोस अपशिष्ठ प्रबन्धन हेतु भूमि उपलब्ध है। उन्होने डीएम मऊ को यथाशीघ्र भूमि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिया। पेंशन योजनाओं में समीक्षा में अवगत कराया गया कि जनपद आज़मगढ़ में 90361, मऊ में 65086 एवं बलिया में 91054 लाभार्थी हैं जिन्हें विभिन्न पेंशन योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है तथा सभी लाभार्थियों के खाते में द्वितीय किस्त भेज दी गयी है। बैठक में उप दुग्धशाला विकास अधिकारी उपस्थित नहीं थे, जिस पर मण्डलायुक्त ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए उनसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान डीआईजी सुभाष चन्द्र दूबे ने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव के कारण गांवों में शांति व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना है। उन्होंने तीनों जनपद के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया कि पंचायत निर्वाचन की संवेदनशीला के दृष्टिगत गांवों में शरारती तत्वों को चिन्हित कर उन्हें धारा 117 के अन्तर्गत पाबन्द करने की कार्यवाही तत्काल प्रारम्भ करा दें। इस अवसर पर जिलाधिकारी आज़मगढ़ राजेश कुमार, जिलाधिकारी मऊ अमित बंसल, जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही, एसपी आज़मगढ़ सुधीर कुमार सिंह, एसपी मऊ धरे सुशील चन्द्रभान, एसपी बलिया देवेन्द्रनाथ, संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी आज़मगढ़, बलिया एवं मऊ क्रमशः आनन्द कुमार शुक्ला, विपिन जैन एवं रामसिंह वर्मा, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव, उप निदेशक पंचायती राज राम जियावन सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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