रात 12 बजे चलती ट्रेन में ही महिला ने बेटी को जन्म दिया, बोगी में मना जश्न, प्रशासन ने दोनों की जांच कर महिला अस्पताल भेजा
आजमगढ़ : कोरोना संकट में परिवार से दूर और निराश रह रहे लोगों को आज कुछ मुस्कुराने का समय मिला जब अन्य राज्य में फंसे प्रवासियों को लेकर आजमगढ़ को चलती ट्रेन में ही जीवन ने अपने सुर दिखाए। जिले के मुबारकपुर थाना अंतर्गत सठियांव के आझौली गांव के रहने वाले दीनानाथ रोजीरोटी के लिए गुजरात के सूरत में परिवार के साथ रहता था। उसकी पत्नी गभर्वती थी और डिलेवरी का अंतिम समय चल रहा था इसी बीच सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा की लॉकडाउन के चलते बृहस्पतिवार को सूरत से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रकला को लेकर आ रहा था। रास्ते में देर रात 11 बजे चंद्रकला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। हालांकि चलती ट्रेन में डॉक्टर व नर्स की तो कोई व्यवस्था थी नहीं। चंद्रकला प्रसव पीड़ा से ट्रेन में ही तड़पने लगी और इस बीच बोगी में बैठी दो अन्य महिलाएं उसकी मदद के लिए आगे आई और उसे नार्मल डिलेवरी के लिए मदद की। रात 12 बजे चलती ट्रेन में ही चंद्रकला ने एक बेटी को जन्म दिया। परेशानी के बीच बेटी के जन्म पर बोगी में सवार लोगों ने चलती ट्रेन में ही जश्न मनाया। शुक्रवार की शाम ट्रेन के आजमगढ़ स्टेशन पर पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मां-बेटी की थर्मल स्क्रीनिंग की और फिर दोनों को एंबुलेंस से जिला महिला अस्पताल भेज कर भर्ती कराया। जहां जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित है और परिवार वालों में खुशी का माहौल है
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