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आजमगढ़ : नागेंद्र प्रसाद सिंह डीएम नहीं, बल्कि अभिभावक की भूमिका निभाते थे !

 
सेवानिवृत्त डीएम को विदाई देने उमड़े लोग, भावुक संदेशों से पटा रहा जिले का सोशल मीडिया प्लेटफार्म 

किसी को डांटा भी होगा तो अपना समझकर और उसके भले के लिए, मनुष्य हूँ कोई भूल हुई होगी तो उसे भूल जाइएगा -एन पी सिंह

आजमगढ़ : जनपद में अपने लगभग एक वर्ष के कार्यकाल में सर्व लोकप्रिय रहे जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह आज सेवानिवृत्त हुए। उनका जिले से `विदा होना लोगों को भावुक कर गया, सोशल मीडिया पर पिछले 48 घंटो से उनको विदाई देने वाले जनपद के आम लोगों के भावुक सन्देश जिले में उनकी लोकप्रिय कार्यशैली की पुष्टि करते रहे। यही नहीं जिलाधिकारी आवास पर भी लोगों की भारी भीड़ सुबह से ही उमड़ती रही । भीड़ ऐसी की उसमें बूढ़े और जवान तो थे ही कुछ लोग बच्चों और परिवार समेत उनसे मिलने पंहुचे।  खुद के प्रति उमड़ता प्यार देख पूर्व डीएम भी भावुक हो उठे और कहा कि एक मनुष्य होने के नाते मुझसे भी अगर कोई भूल हुई होगी तो उसे भूल जाइएगा। हमने अगर किसी को डांटा भी होगा तो अपना समझकर और उसके भले के लिए। डीएम के कैंप कार्यालय पर लोगों के पहुंचने का क्रम सुबह से लेकर दोपहर तक बना रहा। किसी ने अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न दिया तो किसी ने श्रीमद्भागवत। हर पहुंचने वालों से पूर्व डीएम ने खुलकर बात की तो राजनीतिक संगठन से लेकर श्रमिक संगठन और कर्मचारी संगठनों ने एक स्वर से कहा कि नागेंद्र प्रसाद सिंह डीएम नहीं, बल्कि अभिभावक की भूमिका निभाते थे। सुदूर गांव से पहुंचने वालों की भी उतनी ही सुनते थे जितना किसी खास का। आवास के बाहर पंचायतीराज विभाग से जुड़े संगठनों ने पुष्प वर्षा की तैयारी की थी लेकिन प्रकृति के प्रति अपने संकल्प के अनुसार उन्होंने मना कर दिया। उसके बाद कर्मचारियों के साथ कुछ दूर तक पैदल चले, फिर डीएम साहब कार से अपने गांव पिडरा के लिए रवाना हो गए।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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