ब्लाक महाराजगंज में ग्राम सचिव का संदिग्ध हाल में फंदे पर मिला था शव, आक्रोशित सचिवों ने बीडीओ से की मारपीट
जिलाधिकारी के आश्वासन पर सचिवों ने शव हटा प्रदर्शन समाप्त किया,डीएम ने जांच समिति बनाई
आजमगढ़ : जनपद के ब्लाक महाराजगंज में बृहस्पतिवार की देर शाम को ब्लॉक परिसर में एक सचिव के फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में ग्राम पंचायत अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह जहां बीडीओ महाराजगंज के साथ हाथापाई किया वहीं दोपहर में कलेक्ट्रेट के रास्ते पर मृतक सचिव का शव रखकर जाम लगा दिया। वहीँ पर दोपहर 2:00 बजे कलेक्ट्रेट में प्रभारी मंत्री सुरेश राणा की पत्रकार वार्ता थी, इस दौरान डेड बॉडी रखकर के कारण जाम लगने और नारेबाजी से प्रशासन के होश उड़ गए। भारी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। मुख्य विकास अधिकारी और डीएम एनपी सिंह ने मौके पर पहुंचकर सचिवों से वार्ता की । इस दौरान सचिव बीडियो महाराजगंज पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे। किसी तरह डीएम ने उन्हें समझा करके मामला शांत कराया और शव को अंतिम संस्कार के लिए भिजवाया । गौरतलब है की महाराजगंज विकासखंड में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी अशोक सिंह (50) पुत्र रामपत सिंह निवासी मुखलिसपुर थाना कप्तानगंज की बृहस्पतिवार की रात लगभग 8:00 बजे विकासखंड परिसर स्थित उनके आवास के एक कमरे में नायलॉन की रस्सी के सहारे पंखे से लटकता हुआ शव मिला। इसकी जानकारी खंड विकास अधिकारी धनंजय सिंह ने तत्काल थानाध्यक्ष महराजगंज को दी। रात लगभग 9:00 बजे मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी, सीओ सगड़ी व स्थानीय फोर्स मौके पर पहुंचीं। वहीँ परिजन बीडीओ पर उत्पीड़न का आरोप लगा रहे थे। शुक्रवार को विकासखंड परिसर में ग्राम पंचायत अधिकारी की संदिग्ध मौत से आक्रोशित ग्राम पंचायत अधिकारियों व उनके संगठन के लोगों ने खंड विकास अधिकारी धनंजय कुमार सिंह को परशुरामपुर बाजार में रोककर उनके साथ मारपीट किया। सूचना पाकर स्थानीय थानाध्यक्ष व उपजिलाधिकारी प्रियंका प्रदर्शनी के पहुंच जाने से आक्रोशित ग्राम पंचायत अधिकारीगण मौके से हट गए। इधर जिलाधिकारी एन पी सिंह ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो दूसरे विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है।
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