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मण्डल के जनपदों में आरसी वसूली की प्रगति सन्तोषजनक नहीं, तेजी लायें: मण्डलायुक्त

कर करेत्तर वसूली की समीक्षा बैठक से अनुपस्थित मुख्य अभियन्ता विद्युत का वेतन काटने, तीनों एआरटीओ से स्पष्टीकरण तलब

आज़मगढ़ 13 मार्च -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने कहा है कि मण्डल के जनपदों में आरसी के माध्यम से वसूली की प्रगति शुद्ध मांग के सापेक्ष सन्तोषजनक नहीं है। उन्होंने मण्डल के तीनों अपर जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि इसकी नियमित रूप से समीक्षा करते हुए लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति लाना सुनिश्चित करें। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी शुक्रवार को अपने कार्यालय के सभागार में कर करेत्तर एवं अन्य राजस्व कार्यों की समीक्षा कर रही थी। बैठक में मुख्य अभियन्ता विद्युत की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त किया तथा उनका एक दिन का वेतन काटने के साथ ही स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वृहस्पतिवार को आयोजित विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में भी मुख्य अभियन्ता उपस्थित नहीं हुए थे, जो कार्यों के प्रति उनकी लापरवाही एवं शिथिलता का द्योतक है। इसी क्रम में उन्होंने खराब परफार्मेन्स पर आज़मगढ़, मऊ एवं बलिया के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को भी स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। समीक्षा में स्टाम्प देयों की वसूली कम होने पर प्रभारी डीआईजी स्टाम्प को निर्देशित किया कि इसकी तत्काल समीक्षा करें तथा जिनके द्वारा लक्ष्य पूरा नहीं किया जाता है तो उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करें। मण्डलायुक्त ने कतिपय नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में भी कर करेत्तर की वसूली की स्थिति अत्यन्त दयनीय पाये जाने पर तीनों एडीएम से कहा कि तत्काल समीक्षा कर लें कम वसूली वाले ईओ को चेतावनी निर्गत करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत करायें।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान जनपद मऊ में सीजनल अमीनों की वसूली की स्थिति पर भी असन्तोष व्यक्त किया। उन्होंने सीजनल अमीनों की रसीद बही, कैश बुक तथा डीसीआर की विधिवत् जाॅंच नियमित रूप से करने की हिदायद दी। श्रीमती त्रिपाठी द्वारा विगत वर्षों के बकाया सीएमआर की वसूली की समीक्षा के दौरान संभागीय खाद्य नियन्त्रक ने अवगत कराया कि आज़मगढ़ में वर्ष 2006-07 से 2012-13 तक कुल 1633.70 लाख, मऊ में 2011-12 एवं 2012-13 के कुल 1499.43 लाख तथा बलिया में 2011-12 एवं 2012-13 के कुल 3754.59 लाख का सीएमआर अभी भी बकाया है। उन्होंने यह भी बताया कि आरसी के माध्यम से इसकी वसूली की प्रगति भी खराब है। इस पर मण्डलायुक्त ने सीजनल अमीनों में सीएमआर की वसूली का लक्ष्य निर्धारित कर वसूली कराने तथा साप्ताहिक रूप से समीक्षा कर अद्यतन स्थिति से अवगत कराने हेतु अपर जिलाधिकारियों को निर्देशित किया। इसी क्रम में उन्होंने आरएफसी को निर्देश दिया कि इतनी बड़ी धनराशि के गबन में जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी संलिप्त हैं उनके विरुद्ध विभागीय एवं कानूनी कार्यवाही हेतु शासन से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही की जाय। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने मण्डल के जनपदों में बड़ी संख्या में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण पाये जाने पर भी नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जा कराने में राजस्व कर्मियों की भूमिका की भी निरन्तर मानीटरिंग की जाये तथा जो भी कर्मी इसमें संलिप्त पाया जाय अथवा अतिक्रमण मुक्त कराने में जिनके स्तर पर शिथिलता, लापरवाही पाई जाये तो ऐसे कर्मियों के विरुद्ध अनिवार्य रूप से कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि यद्यपि की आज़मगढ़ में 33 हेक्टेटर एवं मऊ में 27 हेक्टेअर भूमि अभी तक अतिक्रमुक्त कराई जा चुकी है, परन्तु यह स्थिति किसी भी दशा में सन्तोषजनक नहीं है। मण्डल के जनपदों में भारी मात्रा में ग्राम समाज की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारियों को इस ओर विशेष रूप से ध्यान देकर अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध भी सख्ती दिखाते हुए अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, आज़मगढ़, मऊ एवं बलिया के अपर जिलाधिकारी क्रमशः जीपी गुप्ता, केहरी सिंह एवं राम आसरे, सचिव आज़मगढ़ विकास प्राधिकारी बैजनाथ, मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर, संभागीय खाद्य नियन्त्रक राजेश कुमार, उप आबकारी आयुक्त एसपी चैधरी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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