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भवन मालिक किरायेदार मजदूर से 30 अप्रैल तक नही लें किराया-डीएम

प्रतिष्ठान,संस्थाएं एवं परियोजनाएं संचालक कार्य कर रहे बाहरी मजदूरों को दिये रहें शरण , उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही

आजमगढ़  28 मार्च-- जिला मजिस्ट्रेट नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि भारत सरकार के आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 सपठित उत्तर प्रदेश आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा-2 की उपधारा-जी के अन्तर्गत कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया गया है। उन्होने बताया है कि जनपद आजमगढ़ में काफी संख्या में औद्योगिक, व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हैं, जिसमें अनेक मजदूर/कर्मचारी कार्यरत हैं। कई ऐसे परिवार भी हैं, जो अन्य प्रान्तों से आकर फेरी अथवा छोटे-छोटे उत्पादों के निर्माण में लगकर व्यवसाय करते हैं और किराये के कमरे लेकर निवास करते हैं। कोविड-19 (कोरोना) से बचाव हेतु हुए लॉकडाउन के कारण उनके व्यवसाय/उत्पाद कार्य बन्द हो गये हैं। प्रशासन द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित करके शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत तथा अन्य माध्यमों से उनके जीवनयापन की व्यवस्था की जा रही है, परन्तु ऐसा संज्ञान में आ रहा है कि कतिपय भवन स्वामी ऐसे मजदूरों/कर्मियों से भवन का किराया लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं, इससे वे अपने मूल स्थानों के लिए जाने हेतु विवश हो रहे हैं। उन्होने बताया कि कतिपय ऐसे निर्माण स्थल यथा-एन0एच0-233, पूर्वांचल एक्सप्रेस सहित विभिन्न आवासीय/अनावासीय परियोजनाओं में कार्यरत निजी कार्यदायी संस्थाओं में काफी संख्या में मजदूर/कर्मी लगे हुए हैं। लॉकडाउन के दौरान कार्य बन्द होने के बावजूद संबंधित फर्मों के स्वामियों अथवा कार्यदायी संस्थाओं द्वारा उन मजदूरों/ कर्मियों को लावारिश छोड़ दिया गया है एवं उनके रहने व खाने आदि की कोई व्यवस्था नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण भी वे मूल स्थान के लिए छोड़ने के लिए विवश हो रहे हैं। उक्त परिस्थितियों की संवेदनशीलता के दृष्टिगत जिला मजिस्ट्रेट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से यह आदेश दिया है कि जनपद आजमगढ़ में ऐसे मजदूर/फेरी/ छोटे व्यवसायी आदि जो किराये के मकानों में निवास करते हैं, को किसी भी भवन स्वामी द्वारा आवासीय भवन के किराये की मांग 30 अप्रैल 2020 तक किसी भी दशा में नही की जायेगी। वॉछित आवासीय भवन किराया बिना किसी व्याज अथवा अर्थदण्ड के 30 अप्रैल के बाद ही लिया जायेगा। उपरोक्त के अतिरिक्त विभिन्न निर्माण स्थलों यथा- एन0एच0-233, पूर्वांचल एक्सप्रेस सहित विभिन्न आवासीय/अनावासीय परियोजनाओं में कार्यरत मजदूरों/कर्मियों के भोजन एवं आवास तथा समुचित स्वास्थ्य परक व्यवस्था संबंधित फर्मों/निर्माणकर्ता एजेंसियों द्वारा की जायेगी। उन्होने कहा कि यदि जनपद के किसी भवन स्वामी द्वारा उक्त आदेश का उल्लघंन किया जायेगा तो राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51 के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। जिसमें एक वर्ष तक की सजा या अर्थदण्ड या दोनों हो सकता है और यदि आदेश के उल्लंघन से किसी भी तरह की जान-माल की क्षति होती है तो यह सजा दो वर्ष तक भी हो सकती है। यदि किसी भवन स्वामी/ निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो प्रभावित व्यक्ति द्वारा इसकी सूचना जनपद के इन्टीग्रेटेड कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नं0- 05462-220220 पर दी जा सकती है। उन्होने कहा कि स्थिति की गम्भीरता एवं तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए उक्त प्रतिबन्धों को तत्काल प्रभावी किया जाना आवश्यक है और समयाभाव के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान कर पाना सम्भवन नही है, अतएव यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है। ---ःःजि0सू0का0-आजमगढ़-28/03/2020ःः---

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