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इस वित्तीय वर्ष का पड़ा हुआ है 184 करोड़ रूपया,ग्रामीण विकास कार्याें को पूर्ण कराएं- डीएम

पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित उन्मूखीकरण कार्यशाला के अन्तर्गत प्रधान, सचिव एवं  अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया

आजमगढ़ 22 फरवरी-- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में राहुल प्रेक्षागृह के सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत एवं पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित उन्मूखीकरण कार्यशाला के अन्तर्गत ग्राम प्रधान, सचिव एवं जिला स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में उपस्थित ग्राम प्रधानों, सचिवों से कहा कि इस वित्तीय वर्ष में डेढ़ माह अवशेष हैं और ग्राम निधि में वित्त आयोग की 184 करोड़ रूपया पड़ा हुआ है। उक्त धनराशि से अपने-अपने संबंधित ग्रामों में विद्यालयों का कायाकल्प, तरल/ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, सोक पिट, वर्मी कम्पोस्ट, नाडेफ कम्पोस्ट, नाली, ड्रेनेज, प्लास्टिक मुक्त अभियान, मनरेगा के अन्तर्गत व्यक्तिगत लाभार्थी, सामुदायिक शौचालय, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व एलओबी के अन्तर्गत अपूर्ण शौचालय, तालाब व तालाब के किनारे पंचवटी के वृक्ष आदि विकास कार्याें को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों व सचिवों से कहा कि उक्त विकास कार्याें को अपने संबंधित ग्रामों में प्राथमिकता के आधार पर ईमानदारी से पूर्ण करें, ऐसी परियोजनाओं पर व्यय करें जो ग्राम के विकास लिए आवश्यक हो। इनर मोटिवेशन होकर कार्य करें। उन्होने ग्राम प्रधान व सचिवों को यह भी निर्देश दिये कि उक्त विकास कार्याें को युद्ध स्तर पर 31 मार्च 2020 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने समस्त ग्राम प्रधानों व सचिवों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत अपूर्ण व अनारम्भ शौचालय को जल्द से जल्द पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। इसी के साथ ही उन्होने यह भी कहा कि जहाॅ पर शौचालय बनाने के लिए लाभार्थियों के पास जगह नही है, वहाॅ पर किसी सार्वजनिक भूमि का चयन कर नियमानुसार सामूहिक शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यदि कोई व्यक्ति यह शिकायत करता है कि संबंधित ग्राम के विकास कार्य की गुणवत्ता खराब है व इसके लिए हलफनामा देता है तो कार्य की जाॅच करायी जायेगी, यदि कोई व्यक्ति यह शिकायत करता है कि संबंधित ग्राम में कोई कार्य ही नही हुआ है, यदि जाॅच में कार्य का होना पाया जाता है तो शिकायतकर्ता से अधिकारियों द्वारा लगाये गये श्रम व ट्रांसपोटेशन की धनराशि को वसूल किया जायेगा। लेकिन यदि शिकायतकर्ता की शिकायत सही पायी जाती है तो संबंधित ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। इस अवसर पर डीसी मनरेगा बीबी सिंह, डीसी एनआरएलएम बीके मोहन, डीपीआरओ श्रीकान्त दर्वे, संबंधित खण्ड विकास अधिकारी सहित ग्राम प्रधान व सचिव उपस्थित रहे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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