फर्जी रुप से मृतक आश्रित कोटे में सहकारी पर्यवेक्षक के पद पर नौकरी कर रहा था
आजमगढ़। सहकारिता विभाग में फर्जी रुप से मृतक आश्रित कोटे में सहकारी पर्यवेक्षक के पद पर नौकरी कर रहे व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच में आरोप पुष्ट होने पर यह कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही जांच कमेटी की आख्या पर संबंधित से रिकवरी व एफआईआर दर्ज कराने का भी आदेश हुआ है। सहकारिता विभाग में कार्यरत रहे स्व. रामचंदर लाल की मृत्यु सेवाकाल में ही हो गई थी। स्व. रामचंदर के कोई औलाद नहीं थी। इसका फायदा उठाते हुए उनके ही एक रिश्तेदार सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने पिता का नाम बदलकर स्व. रामचंदर का पुत्र बन बैठा। स्व. रामचंदर के मौत के पांच साल बाद उसने मृतक आश्रित के रुप में नौकरी के लिए विभाग में दावा प्रस्तुत किया। विभाग ने उसके दावे को स्वीकार कर लिया और सहकारी पर्यवेक्षक के पद पर 2016 में तैनाती दे दी। नौकरी के लिए बाप बदल कर मृतक आश्रित के रूप में नौकरी कर रहे सर्वेश कुमार श्रीवास्तव की शिकायत राम सिंगार सिंह ने 17 जनवरी 2018 को की। शिकायतकर्ता ने सर्वेश कुमार श्रीवास्तव को मूल रूप से से जौनपुर का निवासी और स्व. रामचंदर लाल का पुत्र न होने का आरोप लगाया। शिकायत मिलते ही सहकारिता विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग ने जांच करानी शुरू की और सितंबर 2019 में उसे निलंबित कर दिया। इसके साथ ही सहायक आयुक्त व सहायक निबंधक सहकारिता आजमगढ़ कि अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। कमेटी ने भी जांच में पाया कि सर्वेश कुमार श्रीवास्तव स्व. रामचंदर लाल का बेटा नहीं है। कई बिंदुओं पर कमेटी ने जांच की और अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी। जिसके आधार पर नौकरी के लिए पिता का नाम बदलने पर सर्वेश कुमार श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके साथ ही फर्जी नौकरी के दौरान सर्वेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा वेतन के मद में आहरित की गई धनराशि की रिकवरी व एफआईआर दर्ज कराने का भी आदेश हुआ है।
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