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आजमगढ़ : मामला सामने आने पर अपने स्तर से निपटायेंगे नवागत डीआईजी

फोटो : नवागत डीआईजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे 

क़ानून व्यवस्था को बनाये रखना ही मेरी पहली प्राथमिकता : सुभाष चंद्र दुबे

आजमगढ़ : नवागत पुलिस उपमहानिरीक्षक आजमगढ़ परिक्षेत्र सुभाष चंद्र दुबे द्वारा बुधवार को पुलिस लाइन सभागार कक्ष में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता किया गया। उन्होंने कहा कि अगर कोई मामला स्थानीय स्तर पर नही निपटता है और वह मेरे पास आता है तो हम स्वयं उस मामले का निस्तारण करेंगे।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लंभुआ क्षेत्र के निवासी सुभाष चंद्र दुबे वर्ष 2005 बैच के आईपीएस है जो बतौर पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश के जनपद कन्नौज, श्रावस्ती, हाथरस, औरैया, गाजीपुर (दो बार), कानपुर देहात, सोनभद्र, आगरा, मुजफ्फरनगर, सन्त रविदास नगर, झांसी, सहारनपुर, एटीएस, आदि में अपनी सेवाए दे चुके है।
श्री दूबे महकमें के तेज तर्रार व ईमानदार आईपीएस अधिकारी माने जाते रहे हैं । उनकी गिनती दबंग अफसरो में होती है और इसके साथ ही इनकी पहचान सख्त व निष्पक्ष कार्यशैली वाले अधिकारी के रूप में होती  है। 2005 बैंच के आईपीएस सुभाष चन्द्र दूबे की पहली बार राजधानी लखनऊ में सहायक पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी के पद के रूप में तैनाती हुई थी। उन्होंने शुरू से ही जनता की सुनवाई के साथ-साथ अपराधियों पर नकेल कसना शुरू किये। बदमाशों ने नेहरू एनक्लेव में छात्र नेता विनोद त्रिपाठी व गौरव सिंह को गोलियों से भून दिया था। वर्चस्व की जंग में हुए दोहरे हत्या काण्ड से राजधानी दहल गई थी। उस समय उन्होंने ने अपनी टीम के साथ अपने अंदाज में पुलिस मुठभेड़ में ईनामी बदमाश जयसिंह को मार गिराया तथा उसके दो साथी अंशु दिक्षित व सुधाकर पाण्डेय बिहार में भयभीत होकर आत्मसमर्पण किया। इस एनकाउंटर से जनता व आला अफसरों ने काफी सराहना की थी।
श्री दूबे  ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखना और कानून व्यवस्था के साथ जन सामान्य की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है फिर जनता की अपेक्षा चाहे ईमानदारी को लेकर हो, निष्पक्षता को लेकर हो, कानून व्यवस्था को लेकर हो या फिर भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को लेकर हो अगर पुलिस जनता की अपेक्षा पर खरी नहीं उतर रही है तो यह कैसे सही किया जाए , यही प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि सीएए से संबंधित जागरूकता व आने वाली समस्याओं को निपटने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं । शिकायतों का तत्काल मौके पर स्थलीय निरीक्षण कर मामले को त्वरित निस्तारित किया जाए। तहसील दिवस व समाधान दिवस पर पड़े प्रार्थना पत्रों को राजस्व विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण कर त्वरित निस्तारण किया जाए।
डीआईजी ने कहा कि अगर किसी मामले का स्थानीय स्तर से निपटारा नहीं हो रहा हो तो सीओ, एडिशनल, एसपी के माध्यम से निस्तारण किया जाए। उसके बाद भी अगर निस्तारण नहीं होता है और वह मामला मेरे पास आता है तो हम अपने स्तर से उस मामले का निस्तारण करेंगे।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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