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आज़मगढ़ :अशासकीय सहायता प्राप्त जू0 हा0 स्कूलों की नियुक्तियों में मिला घोर भ्रष्टाचार

मण्डलायुक्त ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निलम्बित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की भेजी संस्तुति   

आज़मगढ़ 31 जनवरी -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के पद पर नियम विरुद्ध तरीके से की गयी नियुक्तियों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अनुमोदित किये जाने के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के परिप्रक्ष्य में चार सदस्यीय जाॅंच समिति के माध्यम से जाॅंच कराई तो इन नियुक्तियों में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ। मण्डलायुक्त ने जाॅंच में पाई गयी गंभीर किस्म की अनियमितताओं के कारण जहाॅं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय को निलम्बित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित करने की संस्तुति की है वहीं इन नियुक्तियों को निरस्त कर सतर्कता जाॅंच कराये जाने की भी सिफरिश शासन को भेज दी है। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने बताया कि अशासकीय जूनियर हाई स्कूलों में अनियमित तरीके से की गयी नियुक्ति के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों के आधार पर अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में, संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा, एडी बेसिक डा. राजेश कुमार आर्य व संयुक्त विकास आयुक्त कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी अनिल कुमार को सम्मिलित करते हुए चार सदस्यीय जाॅंच समिति का गठन कर बारीकी से जाॅंच करते हुए वस्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया था। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि जाॅंच समिति द्वारा उपलब्ध कराई गयी जाॅंच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री पाण्डेय द्वारा नियुक्ति हेतु पूर्वानुमति देते समय संस्था में कार्यरत अध्यापकों की शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अर्हता से सम्बन्धित अंक पत्र व प्रमाण पत्र नियुक्ति/अनुमोदन से सम्बन्धित पत्रजात का परीक्षण नहीं किया गया है। यह भी उल्लेख किया गया है कि जनपद आज़मगढ़ के दुर्बासा, बनगाॅंव, हाजीपुर बम्हौर, तहबरपुर, बनाखुर्द, गंगटिया, रानीपुर रजमो, अहियायी, मेहमौनी, सुदईपुर, गजेन्द्रपट्टी, बेलकुण्डा, चेवता, आज़मपुर, शेखमौली, खाझेपुर, खानपुर, पकड़ी व चण्डेश्वर स्थित कुल 20 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में 20 प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापिकाओं के चयन का अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया है। बीएसए द्वारा इन सभी पदों को अनारक्षित वर्ग में भरे जाने की अनुमति संस्था प्रबन्धकों को दी गयी है तथा त्रुटिपूर्ण विज्ञापन होने के कारण अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया। यह भी उल्लेख किया गया है कि इनके द्वारा अनुमोदन देते समय परीक्षण नहीं किया गया कि चयनित प्रधानाध्यापक/प्रधानाध्यापिका सहायक अध्यापक के रूप में अनुमोदित हैं तथा इनकी सेवा पुस्तिका व वेतन भुगतान का परीक्षण किये बगैर ही चयनित शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत 5 वर्ष के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य कर प्रधानाध्यपक पर चयन को अनुमोदित कर दिया गया है।
जाॅंच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में यह भी उल्लिखित किया गया है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा खोर्रमपुर, रग्घूपुर, जमसर लुचुई, मुबारकपुर, दुर्बासा, चेंवता, करमैनी, रानीपुर रजमा, अहियायी मेंहनगर, चक्रपानपुर, पल्हनी, सुल्तानपुर, मिल्कीपुर, चन्दनी, आजमपुर, जालन्धरी, अवंती पहलवानपुर, हूसेपुर, खाझेपुर, ककरही दुलार, तपसीनगर, खानपुर भगतपट्टी, जयराजपुर, मादेपुर, मऊकुतुबपुर, बिन्द्राबाजार, गौरा तहबरपुर, पूनापार, पकड़ी, कूबाखास, खेजुरी, मंगितपुर, अमुआरी नरायन आदि स्थलों पर स्थित कुल 34 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में कला वर्ग व भाषा अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु पूर्वानुमति दी गयी परन्तु नियुक्ति हेतु अनुमति पत्र में कला वर्ग में विषय का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि कला वर्ग में गणित व विज्ञापन को छोड़कर सभी विषय हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, कला, सामाजिक विज्ञान, बेसिक क्राफ्ट आदि आते हैं। प्रबन्धक द्वारा त्रुटिपूर्ण विज्ञापन कराया गया तथा मनमाने ढंग से आवश्यकता न होते हुए भी कला वर्ग व भाषा विषय में चयनित अध्यापकों की नियुक्ति का बिना परीक्षण किये ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमोदन कर दिया गया, जो पूर्णतया अनियमित है। मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि जाॅंच में यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि जनपद के 20 अशासकीय अनुदानित जूनियर हाई स्कूलों में विज्ञान विषय में 20 सहायक अध्यापक/सहायक अध्यापिकाओं के गलत चयन को भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गणित विषय में किसी अध्यापक के कार्यरत होने की पुष्टि किये बिना विज्ञान वर्ग से भरे जाने की अनुमति संस्था प्रबन्धक को दी गयी है। अधिकांश विद्यालयों में विज्ञान अध्यापक के रूप में वनस्पति विज्ञान व जीव विज्ञान से स्नातक चयनित अभ्यर्थियों को अनुमोदन दिया गया है, जबकि अधिकांश विद्यालयों में गणित विषय के अध्यापन हेतु कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इस प्रकार केवल विज्ञान विषय हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमति दिया जाना नियमानुसार नहीं है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने यह भी बताया कि विज्ञापन के उपरान्त कुल प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण भी प्रबन्धक द्वारा नहीं उपलब्ध कराया गया है केवल चयनित अभ्यर्थियों के अंक पत्र व प्रमाण पत्र ही पत्रावली पर पाये गये। इस प्रकार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना अन्य अभ्यर्थियों के अंकपत्रों को प्राप्त किये व बगैर परीक्षण किये प्रबन्धकों द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक गुणांक को आधार मानकर अनुमोदन दिया गया है।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में की गयी नियुक्तियों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय को गंभीर अनियमितता बरतने का दोषी पाये जाने पर उन्हें निलम्बित कर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित किये जाने, समस्त नियुक्तियों को निरस्त करने व सतर्कता जाॅंच कराये जाने की संस्तुति शासन को भेज दी है।

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रिपोर्ट आज़मगढ़ लाइव

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