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बलिया के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में नियम विरुद्ध हुईं 23 नियुक्तियाॅं

मण्डलायुक्त ने कराई थी जाॅंच, 23 प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों की नियुक्ति मिली नियम विरुद्ध

तत्कालीन बीएसए, खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं पटल सहायकों पर होगी कार्यवाही 

आज़मगढ़ 11 दिसम्बर -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी के निर्देश पर मण्डल के जनपद बलिया में 11 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में नियम विरुद्ध तरीके से की गयी कुल 23 प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मामला प्रकाश में आया है। उन्होंने इन अनियमित नियुक्तियों का अनुमोदन करने वाले सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का दोष निर्धारित करते हुए शासन को अग्रेतर कार्यवाही हेतु भेज दी है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी पूरे प्रकरण के सम्बन्ध में बताया कि गत 8 जुलाई को बैरिया के विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने बलिया के अन्तर्गत अशासकीय सहायता प्राप्त 15 जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों एवं सहायक अध्यापकों अनियमित ढंग से की गयी नियुक्ति को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सन्तोष कुमार राय द्वारा अनुमोदित किये की जाॅंच हेतु शासन को अवगत कराया गया था। इस पर शासन के निर्देशानुसार मण्डलायुक्त ने इन सभी विद्यालयों में नियुक्ति की जाॅंच करने की जिम्मेदारी की संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा को सौंपी, जिसमें चार विद्यालयों को कतिपय कारणों से जाॅंच से बाहर हो गये। मण्डलायुक्त ने शेष 11 विद्यालयों में नियुक्ति की जाॅंच का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि वैदिक बाल विद्या मन्दिर आर्य समाज रोड में मनमाने ढंग से दो अध्यापकों, वनाती सर्वोदय जूनियर हाई स्कूल खड़सरा, जवाहर लाल नेहरू जूनियर हाई स्कूल गौरी, बसन्त देवी जूनियर हाई स्कूल रुद्रवार, गांधी पूर्व माध्यमिक बालिका विद्यालय सिकन्दरपुर एवं जनता राष्ट्रीय विद्यालय पिपराकला पंचखोरा में एक-एक अध्यापक की मनमाने तौर पर की गयी नियुक्ति को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सन्तोष कुमार राय द्वारा अनियमित ढंग से अनुमोदित किया गया है।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने यह भी बताया कि रामजीत सिंह जूनियर हाई स्कूल रघुनाथ नगर कर्णछपरा बैरिया में 4 अध्यापकों की नियुक्ति हेतु तत्कालीन बीएसए द्वारा चयन समिति में नामित किये गये खण्ड शिक्षा अधिकारी रेवती अवधेश कुमार राय ने साक्षात्कार प्रपत्र पर किसी अभ्यर्थी को कोई अंक ही नहीं दिया गया है और बिना अंक दिये ही चयन समिति द्वारा श्रेष्ठता सूची तैयार कर दी गयी है तथा बीएसए कार्यालय के पटल सहायक वीरेन्द्र सिंह ने भी अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं है। इस अनियमित चयन एवं अनुमोदन के लिए तत्कालीन बीएसए श्री राय के साथ ही खण्ड शिक्षा अधिकारी रेवती एवं पटल सहायक दोषी हैं। इसी प्रकार सिकन्दरपुर के बालखण्डी नाथ इण्टर कालेज सीसोटार में 7 अध्यापकों की निुयक्ति में मात्र 4 का ही साक्षात्कार में अंकन किया गया है शेष 3 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में अंक ही नहीं दिया गया है इसके बावजूद तत्कालीन बीएसए द्वारा नियुक्ति का अनुमोदन कर दिया गया है जिसके लिए उनके साथ ही नवानगर के खण्ड शिक्षा अधिकारी एसएन त्रिपाठी एवं पटल सहायक ज्ञान प्रकाश मिश्र जिम्मेदार हैं। श्रीमती त्रिपाठी ने यह भी बताया कि बाबा दशरथ पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाछापार, शहीद जूनियर हाई स्कूल सलेमपुर में दो-दो अध्यापकों तथा डोभा भगत जूनियर हाईस्कूल बघौली में एक अध्यापक की नियुक्तियाॅं मनमाने ढंग की गयी है जिसका अनियमित अनुमोदन देने के लिए जहाॅं तत्कालीन बीएसएस सन्तोष कुमार राय जिम्मेदार हैं वहीं इन मामलों में तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी हनुमानगंज व दुबहड़ क्रमशः ओम प्रकाश दूबे व मोतीचन्द चैरिया, बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी, व पटल सहायक मुहम्मद खालिद अन्सारी आदि जिम्मेदार हैं। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने पूरे प्रकरण में अनियमित अनुमोदन करने के लिए तत्कालीन उत्तरदायी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध अग्रेतर कार्यवाही हेतु संयुक्त शिक्षा निदेशक श्रीमती वर्मा की जाॅंच आख्या के साथ ही अपनी संस्तुति शासन को प्रेषित कर दी है।
---------जि0सूचना कार्या0 आज़मगढ़ द्वारा प्रसारित:ः दिनांक 11.12.2019 -------


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