टीम ने घटनास्थल से फिंगर प्रिट लेने और साक्ष्य संकलन का पूर्वाभ्यास भी किया
आजमगढ़ : पुलिस कार्यालय में शनिवार को एसपी ने फोरेंसिक टीम के कर्मियों का माक ड्रिल कराया। उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचकर फोरेंसिक टीम के कर्मियों द्वारा मौके से फिगर प्रिट आदि साक्ष्यों को किस तरह से संकलन कर अपराधियों तक पहुंचा जाए, इसका बकायदा रिहर्सल कराकर उनकी गुणवत्ता को भी परखा। फोरेंसिक टीम के सहायक वैज्ञानिक व प्रभारी गिरीशचंद व उनके सहयोगी आरक्षी रमाशंकर ने शनिवार की दोपहर को पुलिस कार्यालय परिसर में एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह की मौजूदगी में माक ड्रिल किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि किसी भी घटना स्थल पर जब विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम पहुंचती है तो वहां त्वरित कार्रवाई करते हुए घेरा बनाकर अपने कब्जे में ले लेती है। उसे घेरा के अंदर किसी को आने की इजाजत तब तक नहीं होती जब तक फोरेंसिक टीम वहां से सभी साक्ष्य संकलन न कर लें। घटनास्थल से साक्ष्य संकलन कर उसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेज देती है। घटना स्थल पर किस तरह से फिगर प्रिट लिया जाए वहां पर कैसे साक्ष्य संकलन किया जाए, इसका पूर्वाभ्यास भी किया। एसपी ने फोरेंसिक टीम के ब्लास्टिक किट, डीएनए सेंपल कलेक्शन किट, नारकोटिक्स मैटेरियल टेस्टिग किट, फिगर प्रिट डेवलपिग लिफ्टिग किट, क्राइम सेंशन प्रोफेशन किट, एविडेंस कलेक्शन एंड सैंपलिग किट, ब्लड एंड सीमेन डिटेक्शन किट समेत अन्य सामानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई ऐसे किट मिले जो ज्यादा दिन से रखे होने के कारण निष्प्रयोज्य हो चुके थे। एसपी ने उसे बदलकर दूसरा मंगवाने का निर्देश दिया।
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