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आजमगढ़ : आगामी त्योहारों को लेकर डीएम ने दिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश

दीपावली, छठ पूजा को सकुशल, शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने हेतु यातायात व सुरक्षा के लिए निर्देश दिए गए

अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन और बिक्री निषिद्ध किया जाए - डीएम 

आजमगढ़ 22 अक्टूबर -- जिला मजिस्ट्रेट नागेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया है कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 27 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा तथा दिनांक 25 अक्टूबर को धनतेरस, 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा एवं दिनांक 29 अक्टूबर 2019 को भैया दूज का पर्व, दिनांक 02 नवंबर 2019 व 03 नवंबर 2019 को डाला छठ का पर्व मनाया जाएगा। आगामी त्यौहारों दीपावली, छठ पूजा को सकुशल, शांतिपूर्ण वातावरण में सद्भावनापूर्वक संपन्न कराने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने समस्त जिला मजिस्ट्रेट/क्षेत्राधिकारी (पुलिस) को निर्देश दिए हैं कि शांति समिति की प्रभावकारी बैठकेे प्रत्येक थाने में कर ली जाएै भीड़भाड़ वाले स्थलों को चिन्हित कर सुदृढ़ यातायात/सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम कर लिया जाए, किसी भी प्रकार शहर में जाम की समस्या न उत्पन्न हो, इस हेतु परिवहन विभाग से प्रवर्तन दल भी सक्रिय भूमिका में रहे। ड्यूटी में लगाए गए पुलिस बल की समय से समुचित ब्रीफिंग कर उन्हें उनके कर्तव्यों के बारे में स्पष्ट रूप से बोध करा दिया जाए, ताकि समय पर वे मात्र मूकदर्शक न बने रहे, अपितु प्रतिक्षण शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय रहें। आतिशबाजी एवं पटाखों की अस्थाई दुकानों के लिए शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप अनुज्ञा पत्र जारी करते हुए आबादी से दूर खुले स्थल का चयन कर समुचित तरीके से दुकानों को लगवाया जाए तथा अग्निशमन संबंधी सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए, लाइसेंसियों की प्रभावी चेकिंग कर ली जाए, ऐसे स्थानों पर भीड़ से दूर पार्किंग की अलग से व्यवस्था कराई जाए। लक्ष्मी, गणेश एवं काली जी के प्रतिमाओं की स्थापना एवं उसके विसर्जन स्थल तथा रूट आदि का भौतिक निरीक्षण कर लिया जाए और कोई नई परंपरा न डाली जाए। प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन में कोई ऐसा कृत्य न करने दिया, जिससे सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े, इस विषय में भी शांति समिति की बैठकों के दौरान उन्हें सभी बिंदुओं से अवगत करा दिया जाए। इस त्यौहार में लोग जुआ खेलते हैं, और हार-जीत को लेकर विवाद हो जाता है, जो कभी-कभी गंभीर रूप धारण कर लेता है, जुआ के स्थलों पर जो रेट डाली जाय भरसक प्रयास हो कि उनका नेतृत्व राजपत्रित अधिकारी करें। सादे कपड़ों में पुलिस एवं महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए तथा इस बात को प्रचारित-प्रसारित भी करा दिया जाए। भैया दूज के दिन महिलाओं का काफी आवागमन होता रहता है, उस समय भी सतर्कता बरती जाए। डाला छठ पर्व पर महिलाओं द्वारा नदियों एवं घाटों, पोखरों एवं तालाबों पर बेदियां बनाकर पूजा-अर्चना की जाती है तथा उनके द्वारा सायंकाल जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को एवं दूसरे दिन सूर्योदय किस से पूर्व जल में खड़े होकर उगते सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। डाला छठ पर्व पर महिलाओं, युवक-युवतियों तथा पुरुषों की भारी भीड़ रहने के कारण मेले जैसा माहौल बना रहता है, जिससे महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की आशंका बनी रहती है, जिस पर विशेष सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है। डाला छठ पर्व पर पोखरों, तालाबों, नदियों में पूजा स्थलों की सफाई एवं प्रकाश व्यवस्था भी कराई जाए।
उन्होने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार के अफवाह को फैलने न दिया जाए, शरारती तत्वों को पहले से चिन्हित कर उन पर सतर्क दृष्टि रखी जाए तथा आवश्यकतानुसार उनके विरुद्ध प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही की जाए।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया है कि दीपावली के अवसर पर पटाखों आदि के प्रयोग से होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिया गया है कि पटाखों के फटने के स्थान से 04 मीटर की दूरी पर 125 डीबी (एआई) अथवा 145 डीबी (सी) पीके से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन और बिक्री निषिद्ध किया जाए। श्रेणीयुक्त एकल पटाखों (संयुक्त पटाखों) के मामलों में उपरोक्त सीमा 05 लाॅग 10 (एन) डेसीबल तक कम की जाए, जहां (एन) एक साथ संयुक्त पटाखों की संख्या है। सायं 6ः00 से रात्रि 10ः00 तक की अवधि को छोड़कर पटाखे/आतिशबाजी के प्रयोग की अनुज्ञा नहीं दी जाएगी और रात्रि 10ः00 बजे से प्रातः 6ः00 बजे तक की अवधि में आतिशबाजी/पटाखों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। शांत क्षेत्र में किसी भी समय पटाखे नहीं छोड़े जाएंगे। शांत क्षेत्र अस्पताल, शैक्षिक क्षेत्र, न्यायालय, धार्मिक स्थल या सक्षम प्राधिकारी द्वारा घोषित अन्य किसी शांत क्षेत्र से 100 मीटर की परिधि का क्षेत्रफल होगा।
उक्त के अतिरिक्त शासन द्वारा समय-समय पर यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को ैंल दव जव बतंबामते (पटाखे नही चाहिए) का नारा बुलंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में इससे संबंधित विज्ञापन का प्रकाशन, पुलिस अथॉरिटीज को साउंड मीटर्स उपलब्ध कराया जाना, पटाखों की बिक्री का लाइसेंस देते समय उनकी गुणवत्ता की जांच किया जाना।
उपरोक्त सभी निर्देशों का तत्काल प्रभाव से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा तथा उच्चाधिकारियों के साथ सतत् संवाद बनाए रखते हुए त्वरित रूप से प्रत्येक स्थिति के अद्यावधिक कराया जाता रहेगा।
जिलाधिकारी ने यह भी अपेक्षा की है कि जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट/क्षेत्राधिकारी (पुलिस) से संयुक्त रूप से उक्त त्योहारों को शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने सुनिश्चित करेंगे। यदि किसी प्रकार की समस्या आती है, जो आप के नियंत्रण में ना हो, तो तत्काल जिला मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट प्रशासन, आजमगढ़ को सूचित किया जाना सुनिश्चित करेंगे।

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