वर्षों तक कार्य विलम्बित रखने पर पूर्व के दो अधिशासी अभियन्ताओं को भी देना होगा स्पष्टीकरण- मंडलायुक्त
आज़मगढ़ 22 अक्टूबर -- मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने मण्डल के जनपदों में निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान अनुपस्थित कार्यदायी संस्थाओं के दो मण्डल स्तरीय अधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर जहाॅं एक अधिकारी का वेतन रोकने का निर्देश दिया वहीं एक अन्य अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने आज़मगढ़ के बरवाॅं में विद्यालय निर्माण का कार्य अनावश्यक रूप से कई वर्षों तक विलम्बित रखने के कारण उक्त अवधि में कार्यरत रह चुके दो अधिशासी अभियन्ताओं से भी जवाब तलब करने का निर्देश दिया है। मण्लायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने मंगलवार को अपने कार्यालय के सभागार में मण्डल के जनपदों में 50 लाख तथा उससे अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान जनपद आज़मगढ़ के देवगाॅंव में इंजीनियरिंग कालेज के कार्यों में वित्तीय अनियमिता पाये जाने पर उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता, लोक निर्माण विभाग आज़मगढ़ को निर्देशित किया कि मण्डल के अन्तर्गत जितनी परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितता प्रकाश में आई हैं उनकी तथा जिन मामलों में एसआईटी का गठन हुआ है उन सभी का जनपदवार एवं संस्थावार विस्तृत विवरण तत्काल प्राप्त कर उपलब्ध करायें। मण्डलायुक्त द्वारा की जा रही समीक्षा के दौरान अवगत कराया गया कि जनपदों में कुल 266 परियोजनाओं में से 24 पूर्ण हैं, जबकि 32 परियोजनाओं का निर्माण कार्य अभी आरम्भ नहीं हुआ है। अनारम्भ परियोजना के सम्बन्ध में जानकारी करने पर अवगत कराया गया कि जनपद आज़मगढ़ के अन्तर्गत बरवाॅं में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जो 2009 का है उसका कार्य अभी तक अपूर्ण है। इस पर मण्डलायुक्त ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्यदायी संस्था पैक्सफेड से जानकारी चाही, जिस पर अवगत कराया गया कि प्रस्तावित भूमि पर हाई टेन्शन तार काफी विलम्ब से हटाया गया है जिसके कारण कार्य विलम्ब से शुरू हो सकता। मण्डलायुक्त ने इस तर्क को खारिज करते हुए संस्था के अधिशासी अभियन्ता को पूरा विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए कहा कि निर्माण कार्य विलम्बित करने लिए उक्त अवधि में कार्यरत रहे दो अधिशासी अभियन्ता इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने इन दोनों अधिशासी अभियन्ताओं से स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार बलिया में कार्यदायी संस्था सीएलडीएफ के स्तर पर भी कार्य विलम्बित बताया गया जिस पर कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि को विलम्ब का कारण स्पष्ट कराये जाने का निर्देश दिया गया। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने समीक्षा के दौरान कहा कि सी एण्ड डीएस के कुछ कार्यों में वित्तीय प्रगति के सापेक्ष भौतिक प्रगति कम है, यह स्थिति आपत्तिजनक है। इसके अलावा उप्र राजकीय निर्माण निगम वाराणसी इकाई के स्तर पर कई कार्य विगत कई वर्षों से बन्द हैं तथा कुछ परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितता भी की पाई गयी है। वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने हेतु कार्यदायी संस्था उप्र राजकीय निर्माण निगम वाराणसी इकाई के परियोजना प्रबन्धक उपस्थित नहीं थे। इस पर मण्डलायुक्त ने परियोजना प्रबन्धक का वेतन रोकने का निर्देश दिया। इसी प्रकार जनपद मऊ में पैक्सफेड के स्तर पर वर्ष 2011 का एक कार्य काफी विलम्बित पाया गया, परन्तु विलम्ब का कारण स्पष्ट करने हेतु पैक्सफेड मऊ के परियोजना प्रबन्धक बिना पूर्व सूचना दिये ही बैठक से अनुपस्थित थे। इस पर मण्डलायुक्त ने उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि देने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी कार्यदायी संस्थाओं के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की निरन्तर जाॅंच की जाय। उन्होंने आगाह किया कि किसी भी दशा में मानक के विपरीत कार्य नहीं होना चाहिए। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने बलिया आज़मगढ़ में यूपीपीसीएल के कार्यो में खराब मैटेरियल, गुणवत्ता आदि के सम्बन्ध में प्राप्त शिकायतों की जाॅंच प्राविधिक परीक्षक ग्राम्य विकास से कराये जाने का निर्देश दिया। इससे पूर्व बैठक को सम्बोधित करते हुए उप निदेशक अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी ने समस्त कार्यदायी संस्थाओं को मानक और गुणवत्ता बनाये रखने के साथ ही समयान्तर्गत कार्य पूर्ण कर लिये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मिक्सिंग, वाइब्रेटर आदि का प्रयोग भी सुनिश्चित किया जाय। इस अवसर पर उप निदेशक, अर्थ एवं संख्या अमजद अली अन्सारी, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव, अधीक्षक अभियन्ता लोनिवि आज़मगढ़ आरएन दास, अधीक्षण अभियनता लोनिवि बलिया एके मणि, टीएसी केआर प्रजापति, अधीक्षण अभियन्ता जल निगम एमसी श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक कृषि, अपर सांख्यिकीय अधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित विभागों एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित थे।
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