दोनों मामले में आजमगढ़ शहर कोतवाली पुलिस ने की थी विवेचना
आजमगढ़: वर्ष 2014 में जनपद के शहर कोतवाली स्थित ग्राम आहोपट्टी में हुए हत्या के मामले में मुकदमें में अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश तथा वर्ष 2011 में रानी की सराय थाना क्षेत्र के ग्राम शाह खजूरा (बभनपुरवा) में हुए हत्या के एक अन्य मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्तों को अर्थदण्ड के सात ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रानी की सराय थाना क्षेत्र के शाह खजूरा में लालचन्द चैरसिया ने पत्नी तथा बच्चों को बेदखल करने के उद्देश्य से खेत का बैनामा छोटेलाल और हीरालाल को कर दिया था। पत्नी चिन्ता देवी ने इसके खिलाफ न्यायालय में मुकदमा किया था। पति-पत्नी के मध्य मुकदमे बाजी को लेकर हीरालाल, रामजनम के साथ मिलकर लालचन्द चैरसिया ने पत्नी चिन्ता देवी की घर में सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके सम्बन्ध में थाना रानी की सराय में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 10 अक्तूबर को कोर्ट तीन में अपर सत्र न्यायाधीश हत्या का दोषी पाते हुए लालचन्द चौरसिया, हीरालाल और रामजनम को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, शहर कोतवाली के आहोपट्टी निवासी जयराम यादव, राजाराम यादव और विजय बहादुर यादव पुत्र रामभजन यादव 23 जून 2014 को रात 11 बजे जमीनी विवाद को लेकर पड़ोसी रामरूप यादव (35) को हत्या की नीयत से गोली मारकर घायल कर दिया गया था। इलाज के दौरान रामरूप यादव की मौत हो गई। शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीष (ईसी एक्ट) ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 15 अक्तूबर को जयराम यादव, राजाराम यादव, विजय बहादुर यादव को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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