इसी कारण घाघरा में कभी घटाव तो कभी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है,किसान भयभीत हैं
आजमगढ़ : नेपाल से घाघरा नदी में प्रतिदिन नेपाल के बैराज से 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से लगातार घाघरा का जलस्तर बढ़ रहा है। इसी कारण घाघरा में कभी घटाव तो कभी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। देवारा खास राजा के मुराली के पुरा, त्रिलोकी के पुरा, बगहवा में कृषि योग्य भूमि को काटती हुई नदी उसका अस्तित्व मिटाने पर तुली हुई है। घाघरा के इस विनाशकारी रूप को देखकर किसान भयभीत हैं। हालांकि रविवार को उफनाई घाघरा का जलस्तर धीमी गति से नीचे खिसकने लगा है। रविवार शाम चार बजे बदरहुआ नाला गेज पर खतरे के निशान 71.68 के सापेक्ष 71.56 मीटर रहा। वहीं डीघिया नाला गेज खतरा बिदु 70.40 मीटर के सापेक्ष रविवार की शाम चार बजे 70.74 मीटर रहा। पानी घटने के साथ ही क्षेत्र के देवारा खास राजा के पुरवा में कटान में तेज हो गया जिससे किसानों की सांसें फूलने लगी हैं। पिछले चौबीस घंटे में नदी के जलस्तर में करीब आठ सेमी की कमी आई है। किसानों की फसलों को घाघरा नदी अपने आगोश में ले रही है। वहीं प्राथमिक विद्यालय सेमरी में कटान का दायरा बढ़ता जा रहा है। वहीं नदी के पानी घटने के बाद देवारांचल में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। जिससे क्षेत्र में मलेरिया आदि फैलने की आशंका बनी हुई है। जिसके लिए क्षेत्र के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से दवा छिड़काव कराने की मांग की है।
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