एनजीटी के निर्देश पर तमसा नदी के किनारों से 75 मीटर तक चिह्नित और वनीकरण क्षेत्र में हुए निर्माण पर एडीए की तरफ से की जा रही है कार्रवाई
आजमगढ़: एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के निर्देश पर तमसा नदी के दोनों किनारों से 75 मीटर तक चिह्नित और वनीकरण क्षेत्र में हुए निर्माण पर एडीए की तरफ से की जा रही कार्रवाई का लोगों ने विरोध किया है। शनिवार को मंडलायुक्त को ज्ञापन देने के बाद रविवार को शहर में बाइक जुलूस निकालकर वनीकरण क्षेत्र को मुक्त करने, पुरानी जेल के पीछे पार्क घोषित करने, मकान को आवासीय घोषित कर मानचित्र स्वीकृत करने की मांग की है। यह भी कहा कि 26 सितंबर की सुबह नौ बजे मेहता पार्क में शहर के लोग एकत्र होंगे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। एनजीटी के दायरे में आने वाले नगरवासियों को कहना है कि उनका मकान विकसित क्षेत्र में बना हुआ है। जो महायोजना 1985 और महायोजना 2011 और नई महायोजना 2031 बनाई गई है, उसके प्रारूप में भी विकसित क्षेत्र में दिखाया गया है। मंडलायुक्त को दिए गए ज्ञापन में बताया कि तमसा नदी के किनारे वनीकरण क्षेत्र में उनके आवास का निर्माण नहीं किया गया है। अधिकतर आवास 25 से 30 वर्ष से लेकर 60-70 वर्ष पुराने हैं। जो नए आवास बनाए गए हैं, उनके मानचित्र भी नगर पालिका परिषद एवं आवास विकास द्वारा पारित किए गए हैं। सभी आवास भूमिधरी की भूमि में बनाए गए हैं। कोई भी आवास ग्रीनलैंड या सरकारी भूमि पर नहीं बना है। इसलिए महायोजना 2031 के प्रारूप में विकसित क्षेत्र में दिखाया गया। उसके अनुसार एनजीटी के दायरे से बाहर किया जाए। विरोध-प्रदर्शन करने वालों में आसिया खातून, साफिया खातून, मु. हदीस, अंजुम आरा, इकबाल अहमद, संतोष सिंह, एम. खान, जमील अहमद, मुन्ना यादव, विजय यादव, विरेंद्र पांडेय आदि शामिल थे।
Blogger Comment
Facebook Comment